बिहार के 4 पुलिस अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल, अपराध के बेहतर इन्वेस्टिगेशन के लिए मिला सम्मान

बिहार के 4 पुलिस अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल, अपराध के बेहतर इन्वेस्टिगेशन के लिए मिला सम्मान

PATNA : बिहार के चार पुलिस पदाधिकारियो को आपराधिक मामलों के बेहतर इन्वेस्टिगेशन यानि अनुसंधान के लिए केंद्रीय गृह मंत्री मेडल से सम्मानित किया है. इनमें तीन आईपीएस अधिकारी औऱ एक बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी शामिल हैं. बिहार पुलिस की ओर से ये जानकारी दी गयी है.


बिहार पुलिस की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक इन्वेस्टिगेशन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आईपीएस जयंतकांत, कार्तिकेय शर्मा औऱ संतोष कुमार के अलावा डीएसपी राकेश कुमार के नाम शामिल हैं. जयंतकांत फिलहाल चंपारण क्षेत्र के डीआईजी हैं, वहीं कार्तिकेय शर्मा शेखपुरा के एसपी, संतोष कुमार एटीएस के एसपी और राकेश कुमार खड़गपुर, मुंगेर के एसडीपीओ हैं. 

बिहार पुलिस की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक जयंतकांत ने मुजफ्फरपुर के एसएसपी रहते साइबर क्राइम के बड़े मामले का उद्भेदन किया था. मुजफ्फरपुर जिले में सिम स्वैपिंग के माध्यम से कई लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते थे. सिम स्वैपिंग के लिए धंधेबाज फर्जी आधार कार्ड द्वारा स्वैप सिम प्राप्त कर लेते थे. इस काम में उनकी मदद पंजाब नेशनल बैंक का एक कर्मचारी कर रहा था. पुलिस जांच के क्रम में पीएनबी के मोबाइल बैंकिंग सॉफ्टवेयर में एक तकनीकि गड़बड़ी पकड़ी गयी. पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक को पत्र लिखकर इस गड़बड़ी को दूर करने की सलाह दी थी.

बाद में पटना उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक को मुजफ्फरपुर के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत के साथ बात कर इस तकनीकी खामी को दूर करने का आदेश दिया था. इस कांड में पटना उच्च न्यायालय द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया गया कि इस तरह के कांडों में लोगों के पैसों की धोखाधड़ी रोकने के लिए विशेष दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं. इस मामले के अनुसंधान के क्रम में 3 करोड़ रुपए जब्त किए गए और 5 अलग-अलग जिलों में दर्ज किए गए 12 कांडों का उद्भेदन किया गया. अनुसंधान के क्रम में 20 से अधिक फर्जी केवाईसी के आधार पर खुले फर्जी अकाउंट्स को पुलिस ने जब्त किया था. इसके साथ ही हवाला के माध्यम से अवैध रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से जैसे दूसरे राज्यों से कुरियर एवं बस के माध्यम से नगद पैसे बिहार वापस भेजने के साजिश का भी उद्भेदन किया गया था. पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक के 35 खाताधारकों को भी सावधान करते हुए उनके खातों में जमा करीब 5 करोड़ रुपए की राशि को अपराधियों के हाथ लगने से रोका गया. 

वहीं शिवहर के तत्कालीन एसपी संतोष कुमार और डीएसपी राकेश कुमार, के नेतृत्व में उत्कृष्ट और वैज्ञानिक अनुसन्धान के आधार पर शिवहर के तरियानी छपरा थाना अंर्तगत एक नाबालिग बच्ची को बहला फुसला कर दुष्कर्म कर हत्या करने एवं साक्ष्य छुपाने के मामले का उद्भेदन किया गया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद 60 दिन से भी कम समय में इस कांड का अनुसन्धान कर दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गयी थी. घटना के मात्र 19 महीने के अन्दर अभियुक्त को सजा करवाई गई थी. 

वहीं, शेखपुरा के बरबीघा थाना क्षेत्र में दो साल पहले डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था. इस घटना के दौरान अपराधियों ने लूट पाट करते हुये गृह स्वामी के 17 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. इस मामले में एसपी कार्तिकेय के शर्मा के नेतृत्व में 15 दिनों के अन्दर इस कांड का उदभेदन कर लिया गया. पुलिस ने घटना में लूटे गये मोबाईल की बरामदगी के साथ-साथ घटना में संलिप्त अपराधियों को चिन्हित करते हुये 06 अपराधकर्मियों को गिरफ्तार किया और 01 अपराधी के विरुद्ध कुर्की जब्ती की कार्रवाई करते हुये उन सभी अपराधकर्मियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया. इसके बाद स्पीडी ट्रायल कराकर अपराधियों को सजा दिलायी गयी.