बिहार में निजी स्कूल कर रहे खेल, गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा योजना फेल

बिहार में निजी स्कूल कर रहे खेल, गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा योजना फेल

PATNA : बिहार में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और सरकार की नीतियों को नहीं मानने का मामला आज एक बार फिर से बिहार विधानसभा में उठा। दरअसल, भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल और अजीत कुशवाहा समेत कई अन्य सदस्यों की तरफ से ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए सरकार से यह जवाब मांगा गया था कि राज्य के अंदर गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा योजना का क्या हाल है। सरकार की तय नीति के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों को प्रारंभिक स्तर पर 25 फ़ीसदी गरीब छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा योजना लागू करनी है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।


विधानसभा में सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पटना के बड़े स्कूलों के साथ-साथ राज्य के दूसरे शहरों में जो स्कूल निजी स्तर पर चल रहे हैं, वह सरकार की मुफ्त शिक्षा योजना का पालन नहीं कर रहे। यही वजह है कि बिहार में गरीब बच्चों को अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा की सुविधा नहीं मिल पाती। आरोप लगाया गया कि निजी स्कूल बड़े घर के बच्चों का ही नामांकन मुफ्त शिक्षा योजना वाली कैटेगरी में ले लेते हैं। इसे लेकर बिहार विधानसभा में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भरोसा दिया कि अगर ऐसा किया जा रहा है तो दोषी स्कूलों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।


शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार की तरफ से जबाब देते हुए कहा कि बिहार सरकार सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार निजी स्कूलों की पूरी जानकारी लेगी और निजी स्कूलों को पोर्टल बनाकर पूरी जानकारी सरकार को उपलब्ध कराना होगा। गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए सरकार का पहले से ही गाइडलाइन बना हुआ है। सरकार गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को पैसे भी देती है। सरकार गरीब बच्चों की जगह अमीर बच्चों का नामांकन करनेवाले स्कूलों की जांच कराएगी।