देशभर में हुई गणेशोत्सव की शुरुआत, जानें गणेश पूजन से जुड़ी जरूरी बातें

देशभर में हुई गणेशोत्सव की शुरुआत, जानें गणेश पूजन से जुड़ी जरूरी बातें

PATNA : पूरे भारत में आज से गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. हर साल गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक पूरे देश में खासकर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम रहती है। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कई राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर बड़े-बड़े पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। लोगों को घर पर ही भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। इस बार लोग गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण का भी खास ख्याल रख रहे हैं। 


हालांकि कई जगहों पर छोटे-छोटे पंडाल लगाने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन पंडाल में एक पुजारी समेत कुछ सिमित लोगों के ही मौजूद रहने के आदेश दिए गए हैं. इसमें भी सरकार द्वारा कई गाइडलाइन्स जारी कर दिए गए हैं. इस दौरान सामाजिक दूरी, मास्क लगाना और सैनेटाइज जैसे कई मानकों का पूरा ध्यान रखना होगा. वहीं, कई आयोजकों ने इस साल फेसबुक, गूगल व जूम वीडियो के जरिए भक्तों को भगवान गणेश के वर्चुअल दर्शन उपलब्ध कराने के लिए तैयारियां की हैं. 


ऐसे करें गणेश जी की स्थापना 

गणेश स्थापना के समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है. गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय यह ध्यान जरूर दें कि उनके एक हाथ में अंकुश, मोदक और उनका टूटा हुआ दांत जरूर हो. उनका एक हाथ आशीर्वाद देते हुए होना चाहिए. वही अपनी सवारी यानी मूषक के साथ हों. मूर्ति का मुख दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए क्योंकि श्रीगणेश के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है. इस बात पर हमेशा ध्यान देना चाहिए कि गणपति बप्पा की स्थापना हमेशा पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व दिशा में ही करें. यह शुभ माना जाता है. भगवान गणेश की स्थापना कभी-भी गलती से भी दक्षिण और दक्षिण पश्चिम में नहीं करनी चाहिए. वहीं, इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि उनकी पीठ किसी भी कमरे की तरफ न हो. कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति स्‍थापित न करें. वास्‍तु के अनुसार, अगर ऐसा किया जाता है तो घर में दुर्भाग्य आता है. अगर बच्चों के अध्ययन कक्ष में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित की जाए तो यह श्रेष्ठ होता है. गणेश चतुर्थी पर पूजा के दौरान तुलसी अर्पित करना वर्जित होता है. घर में भगवान श्रीगणेश की बैठी हुई प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. जबकि कार्यस्थल पर अन्य मुद्राओं वाली मूर्ति रखी जा सकती है. यह भी ध्यान देना होगा कि गणेश जी के दोनों पैर जमीन को छू रहे हों. कभी भी घर या ऑफिस में गणेश जी की दो मूर्ति साथ नहीं रखनी चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से ऊर्जा का आपस में टकराव होता है. इससे व्यक्ति को धन की हानि होती है. साथ ही गणेश जी के सामने स्थापना से विसर्जन वाले दिन तक अखंड ज्योति जलानी शुभ होती है.