केंद्रीय विद्यालयों ने घटाई एडमिशन की सीटें, अब 40 की जगह सिर्फ 32 सीटों पर ही कर सकते हैं आवेदन

केंद्रीय विद्यालयों ने घटाई एडमिशन की सीटें, अब 40 की जगह सिर्फ 32 सीटों पर ही कर सकते हैं आवेदन

PATNA : देश के केंद्रीय विद्यालयों ने छात्र-छात्राओं के नामांकन में एक बड़ा बदलाव किया है। इसी सत्र से बदली हुई प्रक्रिया के तहत नामांकन होगा। इस बार सभी केंद्रीय विद्यालयों में सीटें घटा दी गई हैं। इसबार बिहार के 49 केंद्रीय विद्यालयों में 40 के बजाए 32 सीटों पर ही नामांकन का आदेश निर्गत किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षकों की तबादला नीति में भी बदलाव किये गए हैं।


दरअसल, केंद्रीय विद्यालय के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार बाल वाटिका और कक्षा एक में नामांकन के लिये पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नये सत्र 2024-25 में बाल वाटिका और कक्षा वन में 40 की जगह 32 सीटों पर नामांकन लिया जाएगा। बाल वाटिका के लिए 15 अप्रैल की शाम पांच बजे तक आवेदन किया जा सकता है। इसे लेकर केंद्रीय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नामांकन संबंधी विवरण देखा जा सकता है। हालांकि, सीटों की संख्या कम होने की वजह से अभिभावकों को अपने बच्चों का दाखिला कराने में अब परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।


वहीं, केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि कक्षा-1 व बाल वाटिका में सत्र 2024-25 में 32 सीटों पर ही नामांकन लिया जाएगा। पहले से जिस क्लास में जितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी संख्या कम नहीं की जाएगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए कक्षा 1 से 12 तक के लिए एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। कक्षा 1 के लिए रजिस्ट्रेशन आज से शुरू हो चुका है और 15 अप्रैल की शाम 5 बजे तक यह जारी रहेगा। 


इसके साथ केंद्रीय विद्यालयों में हर साल बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं। जिसमें सीटें घटने से अब मुश्किल होगी। वहीं, बच्चों के ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव के तहत सबसे ज्यादा असर प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे पैरेंट्स पर पड़ेगा। प्राइवेट सेक्टर की नौकरी कर रहे पेरेंट्स का राज्य के बाहर ट्रांसफर होने पर बच्चों को दूसरे राज्य के स्कूल में ट्रांसफर नहीं मिलेगा।


उधर, केंद्रीय विद्यालय में सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। अगर पेरेंट्स का कहीं और ट्रांसफर होता है तो बच्चों को भी इंटर-स्टेट ट्रांसफर की सुविधा मिलती थी। अब इसमें बदलाव किया गया है। पहले सीटें खाली होने पर सभी पेरेंट्स के बच्चों के ट्रांसफर की सुविधा थी। अब सिर्फ सरकारी नौकरी में पदस्थ पेरेंट्स के बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी। प्राइवेट नौकरी कर रहे लोगों के बच्चों को स्टेट ट्रांसफर की सुविधा का लाभ अब नहीं मिलेगा।