RJD के 25वें स्थापना दिवस पर लालू का एलान.. राजनीति से रिटायरमेंट नहीं होता, बोले.. पलटीमार नीतीश पर फिर से भरोसा नहीं

RJD के 25वें स्थापना दिवस पर लालू का एलान.. राजनीति से रिटायरमेंट नहीं होता, बोले.. पलटीमार नीतीश पर फिर से भरोसा नहीं

PATNA : राष्ट्रीय जनता दल के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज अपनी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करने वाले हैं लेकिन इस संबोधन के पहले ही लालू यादव ने साफ कर दिया है कि भले ही उनकी उम्र ज्यादा हो गई हो लेकिन राजनीति से वह कभी रिटायर नहीं होंगे। एक हिंदी दैनिक को दिए इंटरव्यू में लालू यादव ने ना केवल अपने बल्कि बिहार की राजनीति समेत देश की राजनीति से जुड़े हर सवालों का जवाब दिया है। लालू यादव ने कहा है कि 1997 में हमने जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल बनाया था। आरजेडी अभी 25 साल की युवा पार्टी है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने राजनीति से रिटायरमेंट लेने का तय कर लिया है। लालू यादव ने कहा कि नेता कभी रिटायर नहीं होता और ना ही मार्गदर्शक होता है। मार्गदर्शक जैसे शब्द हाफ पैंट वालों के कॉपीराइट में है। लालू का निशाना बीजेपी और संघ पर था। 


देश की मौजूदा राजनीतिक के परिस्थिति के साथ-साथ बिहार में सरकार के ऊपर मंडरा रहे संकट के बादल को लेकर जब लालू यादव से सवाल किया गया और यह पूछा गया कि क्या लालू नीतीश एक बार फिर साथ आ सकते हैं तो आरजेडी सुप्रीमो ने दो टूक कह दिया कि नीतीश कुमार रीढ़ विहीन नेता हैं। राजनीति में रीढ़ की हड्डी का बहुत महत्व है जो नीतीश कुमार खो चुके हैं। साल 2015 में तमाम अंतर्विरोध के बावजूद महागठबंधन को जीत दिलाई गई थी। हमने ज्यादा सीटें जीती उसके बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। नीतीश कुमार पौने दो साल बाद ही अप्रत्याशित तरीके से जनादेश को धोखा देकर भाग गए। अब पलटीमार नीतीश पर भरोसा नहीं किया जा सकता। राजनीति में सिद्धांत, नीति, नियति और रीढ़ की हड्डी का महत्व अधिक है जो नीतीश खो चुके हैं। 


खुद को किंगमेकर बताए जाने के सवाल पर लालू यादव ने कहा कि यह सब मीडिया का दिया हुआ नाम है। लालू ने कहा कि वजह से ही पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे जनता के बीच जाएंगे। बिहार की गरीब जनता उनका इंतजार कर रही है। लालू यादव ने कहा कि 2024 में देश की राजनीति बदलेगी। मोदी का विकल्प 2024 में कौन हो सकता है? इस सवाल के जवाब में आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि जो भी चेहरा होगा वह तानाशाही, अहंकार और आत्ममुग्धता से कोसों दूर होगा। मोदी का विकल्प उनकी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ एक प्रगतिशील एजेंडा ही हो सकता है। एक बार जब लोग मोदी के विकल्प को समझ लेंगे तो चेहरे पर भी संशय खत्म हो जाएगा।