‘व्यक्तिग टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं.. विषैले भाव हम भी जानते हैं’ लालू के करीबी को नीतीश के नेता ने चेताया, बोले- अति सर्वत्र वर्जयेत्

‘व्यक्तिग टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं.. विषैले भाव हम भी जानते हैं’ लालू के करीबी को नीतीश के नेता ने चेताया, बोले- अति सर्वत्र वर्जयेत्

PATNA: सीएम नीतीश कुमार पर आए दिन हमला बोलने वाले लालू परिवार के करीबी एमएलसी सुनील सिंह ने एक बार फिर इशारों में मुख्यमंत्री पर तीखा तंज किया है। सुनील सिंह ने पटना में होने वाले बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पोस्टर में तेजस्वी को जगह नहीं दिए जाने पर नीतीश कुमार को नापसंद व्यक्ति करार दिया। आरजेडी एमएलसी के तंज पर जेडीयू ने सख्त चेतावनी दे दी है और कहा है कि अति सब जगह वर्जित है, ज्यादा अति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


दरअसल, बिहार सरकार आगामी 13 और 14 दिसंबर को पटना के ज्ञान भवन में बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है। इसको लेकर राजधानी पटना के चौक चौराहों पर पोस्टर लगाए गए हैं। इसके साथ ही साथ अखबार में भी विज्ञापन दिए गए हैं। इन विज्ञापनों में सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है और डिप्टी सीएम तेजस्वी को सरकारी पोस्टर से गायब कर दिया गया है। इसको लेकर लालू परिवार के करीबी और राबड़ी के मुंहबोले भाई एमएलसी सुनील सिंह ने अपनी भड़ास निकाली है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज को लेकर जेडीयू ने राजद एमएलसी के चेताया है। जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा है कि जिसको बोलने का अधिकार नहीं, पार्टी नेतृत्व भी जिसकी भावना को नकारता हो उसे भाषायी रूप से निपोरने की जरूरत नहीं है। जनता अच्छी तरह से जानती है कि कौन किस कारण से कहां से प्रभावित है, इसलिए भाषा की मर्यादा खा ख्याल रखें। व्यक्तिग टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विषैले तरीके से अपना भाव व्यक्त करने का तरीका भी हम जानते हैं और हमें इसकी समझ भी है।


बता दें कि आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने सीएम नीतीश पर फिर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि - 'बिहार में नया ट्रेंड चला है, विभाग कोई भी हो, लेकिन अखबार के विज्ञापन में दांत निपोरता एक नापसंद व्यक्ति की हीं तस्वीर दिखेगी! इससे पहले सुनील सुनील सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा था, जिसमें उन्होंने बिहार में जातीय गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बल्कि लालू प्रसाद को असली नायक बताया था।