नीतीश की यात्रा का विरोध, सीएम का पोस्टर फाड़कर लगाई आग, मुख्यमंत्री के नहीं पहुंचने पर नाराजगी

नीतीश की यात्रा का विरोध, सीएम का पोस्टर फाड़कर लगाई आग, मुख्यमंत्री के नहीं पहुंचने पर नाराजगी

SITAMARHI: मुख्यमंत्री नीतीश कुमा समाधान यात्रा के तीसरे दिन आज वैशाली में योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। नीतीश कुमार शुक्रवार को शिवहर और सीतामढ़ी गए थे और विकास कार्यों की जानकारी ली थी। इस दौरान सीएम को डुमरा के बेरवास गांव भी जाना था, लेकिन सीएम वहां नहीं पहुंच सके थे। घंटों इंतजार के बाद जब सीएम नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों ने वहां लगे नीतीश के पोस्टर फाड़ दिए और उन्हें आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।


दरअसल, समाधान यात्रा के तहत शुक्रवार को सीतामढ़ी पहुंचे थे। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सीएम को  डुमरा प्रखंड के बेरवास में पहुंचना था। गांव में सीएम के आगमन को लेकर पूरी तैयारी की गई थी।पूरे इलाके में सरकार की उपलब्धियों के बड़े-बड़े बैनर, पोस्टर लगाए गए थे और पंचायत भवन को दुल्हन की तरह सजाया गया था। कई दिन पहले से गांव के लोगों को मुख्यमंत्री का इंतजार था। ग्रामीणों को लग रहा था कि सीएम आएंगे तो उनकी समस्या दूर हो जाएगी।


बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्या सीएम से सुनाने के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन शाम हो गई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां नहीं पहुंचे और सभी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। सीएम के गांव में नहीं पहुंचने के बाद ग्रामीण गुस्से में आ गए और हंगामा करने लगे। लोगों ने पंचायत भवन और आसपास में लगाए गए सभी पोस्टर को फाड़ दिया और उसे आग के हवाले कर दिया। गुस्साए लोगों ने सीएम नीतीश के खिलाफ काफी नाराजगी दिखाई और जमकर नारेबाजी की। 


बता दें कि सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के राघोपुर बखरी दलित टोले में भी नीतीश कुमार को जाना था। दलित टोले में मुख्यमंत्री को महादलित, दलित, अल्पसंख्यक औऱ अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना का निरीक्षण करना था। राघोपुर बखरी दलित टोले के लगभग दो दर्जन मासूम बच्चों को सुबह 8 बजे से ही खुले में बिठा दिया गया था। इससे पहले उनसे सीएम के स्वागत के लिए साज सज्जा भी करायी गयी थी। सुबह 8 बजे से दोपहर के दो बजे तक बस्ती के बाहर बैठे बच्चे नीतीश कुमार का इंतजार करते रहे थे। नीतीश कुमार ने राघोपुर बखरी से कुछ दूरी पर अवस्थित आंबेडकर आवासीय विद्यालय के निरीक्षण की रस्म अदायगी की और वहीं से निकल गये थे और बच्चे भीषण ठंड में मुख्यमंत्री के आने का इंतजार करते रह गए थे।