पटना में जलजमाव का साइड इफेक्ट : सीएम नीतीश खूब बोले लेकिन डिप्टी सीएम ने साध लिया है मौन व्रत

पटना में जलजमाव का साइड इफेक्ट : सीएम नीतीश खूब बोले लेकिन डिप्टी सीएम ने साध लिया है मौन व्रत

PATNA : पटना में भीषण जलजमाव का पॉलिटिकल साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है। राजधानी में जलजमाव का निरीक्षण करने के बाद एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां इस मामले पर खूब बोल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मौन व्रत साध लिया है।

मंगलवार की देर शाम पटना के जलजमाव ग्रस्त इलाकों का जायजा लेने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया को इस बात की विस्तार से जानकारी दी कि सरकार लोगों को इस आफत से निकालने के लिए क्या-क्या कर रही है। सीएम नीतीश ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सरकार ने मुस्तैदी के साथ लोगों तक राहत पहुंचाई है। आपदा टल चुकी है और सरकार का पूरा ध्यान जलजमाव से परेशान लोगों को निजात दिलाने पर है। 

दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ मुख्यमंत्री जहां लोगों की परेशानी पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं, वहीं उनके सहयोगी और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। सुशील मोदी खुद तीन दिनों तक अपने घर में पानी के बीच कैद रहे। बाद में उन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया लेकिन सरकार से लेकर विधायकों, मंत्रियों तक के साथ बैठक के बावजूद सुशील मोदी ने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। डिप्टी सीएम मोदी आज महात्मा गांधी जयंती के मौके पर आयोजित राजकीय समारोह में भी पहुंचे लेकिन सवालों से बचते दिखे। आपको बता दें कि पटना में जलजमाव को लेकर सुशील मोदी कि विपक्ष ने खूब फजीहत की है। सुशील मोदी का एक पुराना फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह राजधानी में जलजमाव के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इस पुरानी तस्वीर को सुशील मोदी की चुप्पी के पीछे वजह माना जा रहा है।