रामसूरत राय के मामले पर JDU ने साधी चुप्पी, सवालों से बचते दिखे मंत्री अशोक चौधरी, बोले.. नो कमेंट

रामसूरत राय के मामले पर JDU ने साधी चुप्पी, सवालों से बचते दिखे मंत्री अशोक चौधरी, बोले.. नो कमेंट

PATNA : राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने पिछले दिनों विभाग में बड़े ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश दिए थे. सीएम नीतीश कुमार ने इस तबादलों पर रोक लगा दिया था. जिसके बाद इस मुद्दे पर जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के बीच तकरार देखने को मिला. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि जो नियुक्त करता है वह समीक्षा की भी अधिकार रखता है. वहीं, मंत्री अशोक चौधरी ने इस मसले पर कुछ भी बोलने से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि रामसूरत राय पर हमारा कोई कमेट नहीं है. जबकि कांग्रेस ने रामसूरत राय को पद से इस्तीफे की मांग की है. 


दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सीएम नीतीश कुमार ने रोक लगा दिया. जिसपर मंत्री राम सूरतराय ने एलान कर दिया कि अब विभाग चलाना बेवकूफी है. उन्होंने कहा था कि अब वे जनता की कोई शिकायत नहीं सुनेंगे. मंत्री ने विधायकों को भी कह दिया था कि अगर काम कराना है तो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जाएं. इसपर जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि रामसूरत राय पर हमारा कोई कमेट नहीं है. इस मुद्दे पर हम किसी भी तरह का कमेंट नहीं करना चाहते हैं. 


वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बिहार सरकार में मंत्री स्तर पर कई विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हो रहा है. राजस्व विभाग में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने रोक लगा दी. इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार हुआ है. कांग्रेस जानना चाहती है कि सीएम और मंत्री बताए कि इसमें क्या गड़बड़ी हुई थी. यह स्पस्ट हो गया है कि नीतीश के मंत्री ट्रांसफर-पोस्टिंग नाम पर भ्रष्टाचार करते हैं. प्रेमचंद्र मिश्रा ने मंत्री रामसूरत राय से इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि उन्हें पद रहने का अधिकार नहीं है. 


बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के बयान का जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने भी जवाब दे दिया. उन्होंने कहा कि जो नियुक्त करता है वह समीक्षा की भी अधिकार रखता है. निखिल मंडल ने रामसूरत राय के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये किस माफिया की बात कर रहे हैं. पिछले 16-17 सालों से ये माफिया जेल के सलाखों के पीछे सड़ रहे हैं. बड़े-बड़े माफिया जेल में बंद है. उन्होंने कहा कि ठीक है ये जनप्रतिनिधि की सेवा कर रहे हैं. लेकिन बिहार की जनता के सेवा का क्या? जिसके लिए हमें ये मैंडेट मिला है.


बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर गड़बडी पाई थी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 149 सीओ, 27 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और दो चकबंदी पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था. मुख्यमंत्री ने इस तबादले पर रोक लगाते हुए इसकी समीक्षा के आदेश दिये थे. मुख्यमंत्री के आदेश से रामसूरत राय ने कहा था कि ट्रांसफर पोस्टिंग की जांच करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. ऐसे में अगर सीएम ने आदेश दिया है तो वे जांच करा लें.