झंडोत्तोलन के दौरान ब्लास्ट से 2 रेलकर्मी घायल, डेटोनेटर ब्लास्ट कर दी जा रही थी सलामी

झंडोत्तोलन के दौरान ब्लास्ट से 2 रेलकर्मी घायल, डेटोनेटर ब्लास्ट कर दी जा रही थी सलामी

JHARKHAND: इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड के धनबाद से आ रही है जहां झंडोत्तोलन के दौरान बम ब्लास्ट की घटना हुई है। घटना गोमो रेलवे स्टेशन पर हुई है जहां झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर ब्लास्ट में दो रेल कर्मी घायल हो गये हैं। घायलों को आनन-फानन में अस्पताल में एडमिट कराया गया है जहां दोनों की हालत स्थिर है।


घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर ब्लास्ट कर सलामी दी जा रही थी। तभी झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर फट गया जिससे गोमो रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। बताया जाता है कि डेटोनेटर रेलवे द्वारा ड्राइवर और गार्ड को दिया जाता है। डेटोनेटर का लाइफ 7 साल होता है। 


बता दें कि डेटोनेटर एक्सपायरी होने से पहले ड्राइवर और गार्ड इसे ब्लास्ट कर देते है। अमूमन 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन ही इसे ब्लास्ट किया जाता है। आज 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर इसे नष्ट किया जाना था। गोमो रेलवे स्टेशन पर हो रहे झंडोत्तोलन के दौरान यह अचानक ब्लास्ट कर गया जिससे दो रेलकर्मी घायल हो गये है। फिलहाल दोनों का इलाज जारी है।


अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर रेलवे ड्राइवर और गार्ड को यह खतरनाक चीज क्यों देता है। तो बता दें कि सर्दी का मौसम आते ही कोहरे का आगमन भी हो जाता है। कोहरे के कारण ट्रेनों के परिचालन में दिक्कतें होती है। ट्रेने विलंब से चलने लगती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर का इस्तेमाल किया जाता है। 


जिससे लोको पायलट को काफी मदद मिलती है। हालांकि डेटोनेटर एक तरह का विस्फोटक होता हैं। यह छोटे से एक बटन की तरह होते हैं और जैसे उस पर से ट्रेन गुजरती है तो यह जोर से आवाज करता हैं। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। दुर्घटना और कुहासे से बचने के लिए डेटोनटर का इस्तेमाल किया जाता है।