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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 10 Apr 2025 02:55:06 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के भागलपुर चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां डॉक्टरों की लड़ाई में मरीज पिस रहे हैं। हैं। दरअसल, भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो डॉक्टरों की लड़ाई में मरीज का ऑपरेशन तीन बार टला है। हड्डी रोग विशेषज्ञ और बेहोशी के डॉक्टर के बीच विवाद हो गया, और बात इतना बढ़ गया कि सांसद अजय मंडल का पत्र भी बेअसर हो गया है। धरती के भगवान का यह व्यवहार इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें कि सांसद अजय मंडल ने मेडिकल सुपरिन्टेंडें को पत्र लिख कर महिला मरीज का ऑपरेशन कराने का निर्देश दिया था। जिले के मायागंज अस्पताल में एनेस्थेटिक और हड्डी के डॉक्टरों के बीच तालमेल नहीं है। वहीं, एनेस्थेटिक जहां जनरल एनेस्थीसिया वाली सर्जरी में एनेस्थीसिया देने से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि हड्डी के डॉक्टर ने उन्हें अपशब्द कहा है तो हड्डी डॉक्टर का कहना है कि एनेस्थीसिया के डॉक्टर के सहयोग न करने से मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
वहीं, दोनों चिकित्सकों के मनभेद के बीच महिला मरीज के स्पाइन का ऑपरेशन बुधवार को तीसरी बार टल गया। इस मामले में भागलपुर के सांसद ने दो दिन पहले ही अधीक्षक को पत्र लिखकर महिला का ऑपरेशन कराने का आग्रह किया था। बावजूद एनेस्थेटिक नहीं आये और तीसरी बार ऑपरेशन टल गया है। एनेस्थीसिया विभाग के एनेस्थेटिक डॉ. जीतेंद्र प्रसाद सिंह ने बीते दिन मंगलवार 8 अप्रैल को अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा को पत्र लिखा। इस पत्र के जरिए उन्होंने अधीक्षक को बताया कि दो अप्रैल को डॉ. कन्हैया लाल की यूनिट में भर्ती प्रमिला देवी व 11 अन्य मरीजों का मेगा ऑपरेशन किया जाना था।
महिला मरीज प्रमिला देवी को स्पाइन सर्जरी के लिए बीते दो महीनों से अस्पताल में भर्ती किया गया है। ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत होना था। ऑपरेशन की तारीख तय होने के बावजूद, हर बार मरीज को ऑपरेशन थिएटर से यह कहकर लौटा दिया जाता है कि बेहोशी देने वाला डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। बताया जा रहा है कि एनेस्थेटिक डॉक्टर डॉ. जीतेंद्र प्रसाद सिंह और ऑर्थोपेडिक डॉक्टर डॉ. कन्हैया लाल के बीच आपसी विवाद के कारण यह स्थिति बनी है। डॉ. सिंह का कहना है कि उन्हें अपशब्द कहे गए, वहीं डॉ. कन्हैया लाल का आरोप है कि डॉ. सिंह जनरल एनेस्थीसिया देने से जानबूझकर इनकार कर रहे हैं।
इस आपसी खींचतान का खामियाजा अब मरीज भुगत रही है, जिसे तीन बार ऑपरेशन थिएटर तक ले जाकर फिर से वार्ड में लौटा दिया गया। यह घटना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और डॉक्टरों की संवेदनहीनता को उजागर करती है, जिससे इलाके में आक्रोश और चर्चा का माहौल है।
वहीं, महिला के परिजनों ने बताया कि प्रमिला देवी के स्पाइन का ऑपरेशन होना है और इनका ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत होना है। तीन बार से प्रमिला देवी को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जा रहा है और ये कहकर फिर से वार्ड में भेज दिया जा रहा है कि बेहोशी का डॉक्टर नहीं है। सांसद अजय कुमार मंडल ने पत्र भी लिखा, बावजूद ऑपरेशन टाल दिया गया है।