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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 29 May 2025 03:06:43 PM IST
शिक्षा विभाग का गजब कारनामा - फ़ोटो google
BHAGALPUR: बिहार में शिक्षा विभाग समय-समय पर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना रहता हैं, कभी शिक्षकों के कारण तो कभी शिक्षा विभाग के कारण तो कभी मृत शिक्षकों को नोटिस जारी करने को लेकर अक्सर चर्चा विभाग की कार्यशैली को लेकर होती है। ताजा मामला भागलपुर जिले से सामने आया है। इस बार जिला शिक्षा विभाग के जिला स्थापना शाखा ने पदोन्नति देने के लिए शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच के लिए मृत शिक्षक को बुलाया है।
आदेश में साफ लिखा हुआ है कि शिक्षक को जिला शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में आकर स्वयं उपस्थित होकर अपना प्रमाण पत्र जांच करना होगा। इस नए फरमान से शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। दरअसल जिला शिक्षा विभाग के जिला स्थापना शाखा ने बुधवार देर शाम स्नातक परीक्षित वेतनमान में पदोन्नति के लिए 20 शिक्षकों की सूची जारी की है। जिन्हें अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र का जांच करवाना होगा। जिसके लिए सभी शिक्षकों को मूल सेवा पुस्तिका, साहित्यालंकार, प्रवेश पत्र, अंक पत्र, मूल प्रमाण पत्र एवं योग्यतावर्धन के लिए विभागीय अनुमति पत्र लेकर कार्यालय में आने को कहा गया है। 20 शिक्षकों के लिस्ट में चौथे नंबर पर जिले के शाहकुंड के मध्य विद्यालय शिव शंकरपुर के शिक्षक मनोज कुमार झा का नाम है।
मनोज कुमार झा की मौत इसी साल 22 मार्च को पटना में इलाज के दौरान हो गई थी। वह कैंसर से पीड़ित थे। मनोज झा की मौत के बाद परिजनों ने इस बात की सूचना शिक्षा विभाग को दी थी। बावजूद इसके पदोन्नति के लिए जारी लिस्ट में मृत शिक्षक मनोज कुमार झा का नाम शामिल है। जिसे देखकर शिक्षक के परिजन भी हैरान हैं। इसे लेकर अब शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। कुछ दिन पहले सहायक शिक्षक मनोज कुमार झा की मौत के बाद उनकी परीक्षा ड्यूटी में भी नाम दे दिया गया था।
दरअसल पदोन्नति के लिए जारी सभी 20 शिक्षकों का साहित्यालंकार की जो उपाधि है। वह हिंदी विद्यापीठ देवघर द्वारा जारी किया गया है। जिसके जांचों उपरांत पदोन्नति के लिए आगे की प्रक्रिया की जाएगी। इस मामले में मध्य विद्यालय शिव शंकरपुर की प्रधानाध्यापक स्मृति कुमारी ने जानकारी दी कि 22 मार्च को ही मनोज कुमार झा की मौत हो गई थी, जिसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र हम लोगों ने प्रखंड कार्यालय में जमा भी कराया था। जिसमें BEO का हस्ताक्षर भी है, पता नहीं कैसे फिर से इस तरह का लेटर जारी हो गया। यह विभागीय का मामला है।
इस मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) देवनारायण पंडित ने बताया कि अभी किसी शिक्षक को पदोन्नति नहीं दी गई है, सिर्फ पदोन्नति के लिए आए हुए आवेदन के आधार पर प्रमाण पत्र जांच के लिए पत्र निकाला गया है, शिक्षकों को कार्यालय बुलाया गया है, अगर सूची में मृत शिक्षक शामिल है तो उनका नाम हटा दिया जाएगा। इसी वर्ष 21 मार्च को जिले में अटेंडेंस नहीं बनाने वाले 1388 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था।
उसे सूची में लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक शामिल थे, जिनका या तो मृत्यु हो गया है या रिटायर्ड हो चुके थे। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर लगभग 400 से अधिक शिक्षकों का डाटा भी पोर्टल से हटाया गया था। इसी महीने 8 मई को स्कूल आने में देरी की वजह से कहलगांव प्रखंड के 373 शिक्षकों से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण पूछा था, जिसमें कहलगांव प्रखंड के मध्य विद्यालय औरंगाबाद की शिक्षिका उषा कुमारी का नाम था जिनका निधन 5 फरवरी 2024 को ही हो चुका था, उनसे भी स्पष्टीकरण पूछ लिया गया था उस दौरान भी विभाग की खूब किरकिरी हुई थी।