vikramshila setu : विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल के अप्रोच रोड के लिए कम पड़ी जमीन; मंत्रालय ने LAO को लिखा पत्र

विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल निर्माण के लिए बरारी की ओर 946.47 वर्गमीटर अतिरिक्त सरकारी भूमि की मांग की गई है। अप्रोच रोड निर्माण को लेकर मंत्रालय ने भू-अर्जन कार्यालय को नक्शा सौंपते हुए प्रक्रिया तेज कर दी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 29 Nov 2025 03:09:09 PM IST

vikramshila setu : विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल के अप्रोच रोड के लिए कम पड़ी जमीन; मंत्रालय ने LAO को लिखा पत्र

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vikramshila setu : विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनाए जा रहे फोरलेन पुल परियोजना को गति देने के लिए अब अप्रोच रोड निर्माण की दिशा में प्रक्रिया तेज हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग 131बी के अंतर्गत बन रहे इस फोरलेन पुल के लिए मंत्रालय ने बरारी की ओर 946.47 वर्गमीटर अतिरिक्त सरकारी भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके लिए नक्शा भी जिला भू-अर्जन कार्यालय को सौंप दिया गया है।


मंत्रालय की ओर से मोर्थ (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) के परियोजना निदेशक ने जिला भूमि अधिग्रहण पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि हाई लेवल अप्रोच रोड तैयार करने के लिए यह अतिरिक्त भूमि आवश्यक है। 4.455 किमी लंबे समानांतर पुल के नवगछिया और भागलपुर दोनों छोर पर अप्रोच रोड तैयार किया जाना है। इसके तहत नवगछिया की तरफ 35 मीटर तथा बरारी की ओर 53 मीटर का अप्रोच रोड बनेगा।


राज्य सरकार पर भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी

मोर्थ के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि फोरलेन पुल निर्माण की स्वीकृति के समय ही यह शर्त रखी गई थी कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से भूमि अधिग्रहण करेगी। बाद में परियोजना की संशोधित लागत 1110 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई। अब तकनीकी जरूरतों और पुल से अप्रोच रोड को जोड़ने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।


नक्शा सौंपे जाने के बाद भूमि अधिग्रहण कार्यालय ने भी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। संबंधित विभागों के बीच तालमेल बैठाकर जल्द ही भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में निर्णय लिया जाएगा, ताकि निर्माण प्रभावित न हो।


पिलरों की अलग डिजाइन से बढ़ेगी सेतु की मजबूती

विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए हर पिलर की अलग डिजाइन तैयार की जा रही है। इस पुल के लिए कुल 40 पिलर बनाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो गंगा नदी की धारा और मिट्टी की प्रकृति को देखते हुए हर पिलर का स्ट्रक्चर अलग रखा जा रहा है, जिससे पुल की मजबूती और स्थायित्व दोनों सुनिश्चित हो सकें।


निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला ने पुल के दोनों सिरों पर यार्ड स्थापित किए हैं। बरारी यार्ड से 23 पिलरों पर काम चल रहा है, जबकि नवगछिया यार्ड से 17 पिलरों का निर्माण किया जा रहा है। कुल 4.445 किमी लंबाई वाले इस फोरलेन पुल में बरारी की ओर 2.4 किमी और नवगछिया की ओर 2 किमी का निर्माण कार्य शामिल है।


बाढ़ से प्रभावित रहा काम, अब रफ्तार पकड़ने लगा प्रोजेक्ट

गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण पिछले चार महीने से पिलर निर्माण का काम प्रभावित रहा। जलस्तर कम होने के बाद अब फिर से निर्माण कार्य पूरी गति से शुरू कर दिया गया है। इंजीनियरिंग टीम को लक्ष्य दिया गया है कि प्रभावित समय की भरपाई की जाए और पिलर व सुपर स्ट्रक्चर के कार्यों में तेजी लाई जाए।


हर पिलर के बीच 100 से 110 मीटर की दूरी रखी जा रही है। पिलर की चौड़ाई (रेडियस) 9 से 11 मीटर के बीच निर्धारित की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, नदी के दबाव को देखते हुए यह दूरी और चौड़ाई पुल को आवश्यक मजबूती प्रदान करेगी।


क्षेत्रवासियों को मिलेगी बड़ी सुविधा

समानांतर पुल बनने से विक्रमशिला सेतु पर बढ़ते यातायात का बोझ कम होगा और भागलपुर–नवगछिया के बीच यात्रा सुगम बनेगी। हर दिन लाखों वाहनों का दबाव झेल रहे पुराने सेतु पर जाम की समस्या गंभीर बनती जा रही है। नए फोरलेन पुल के निर्माण से न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, कोसी और सीमांचल के लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा।


अप्रोच रोड के लिए जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण की रफ्तार और बढ़ेगी। विभाग का लक्ष्य है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर पुल का कार्य पूरा कर इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाए।