1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Sep 2025 08:51:41 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित इसाफ बैंक शाखा से 14.87 किलोग्राम सोने के आभूषण और 5 लाख नकद की लूट के मामले में बिहार एसटीएफ (STF) ने बड़ी सफलता पाई है। इस मामले में गया जिले से दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से करीब 3 करोड़ का 3.112 किलोग्राम सोना भी बरामद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, जबलपुर जिला के खितौला थाना के इसाफ बैंक की शाखा में 11 अगस्त 2025 को हथियारबंद अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दिया। जांच में बिहार से जुड़े लुटेरों की जानकारी मिलने पर बिहार एसटीएफ ने डीएसपी आनंद कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी शुरू की।
दरअसल, जांच के दौरान एक अपराधी की पहचान डोभी थाना के बीजा टोला निवासी राजेश दास उर्फ आकाश दास के रूप में हुई। राजेश दास पर गया के बाराचट्टी, शेरघाटी, जमुई के चकाई, रोहतास के नोखा, गिरिडीह के निमियाघाट, बेंगाबाद, बांका के चांदन, सासाराम के मुफ्फसिल, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ कोतवाली और ओडिसा के बीरभूमि पुलिस थाने में कांड दर्ज हैं।
बताया जा रहा है कि इस लूटकांड को 11 अगस्त 2025 को खितौला थाना क्षेत्र स्थित इसाफ बैंक, जबलपुर में अंजाम दिया गया था। अपराधियों ने हथियारों के बल पर बैंक से 14.87 किलोग्राम सोने के आभूषण और ₹5 लाख की नकदी लूट ली थी। घटना के बाद जबलपुर पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें सुराग बिहार से जुड़े अपराधियों तक पहुंचा। गिरफ्तारी के दौरान बरामद सोना बैंक से लूटी गई संपत्ति का हिस्सा माना जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि राजेश दास पर बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इनके अलावा इंद्रजीत दास के खिलाफ भी शेरघाटी थाने में मामले दर्ज हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने जबलपुर लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। बरामद सोना भी इसी लूट की संपत्ति के रूप में पहचाना गया है। बिहार STF ने पूछताछ की पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जबलपुर पुलिस के सहयोग से पूरी की जा रही है।
बिहार STF का कहना है कि अन्य संलिप्त अपराधियों की तलाश जारी है, जिनकी पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत जबलपुर पुलिस के हवाले किया जाएगा। इस लूटकांड में बिहार STF की तत्परता और समन्वित कार्रवाई ने साबित कर दिया कि राज्य सीमाएं अपराधियों के लिए अब सुरक्षित शरणस्थली नहीं रहीं। अंतरराज्यीय सहयोग और आधुनिक तकनीक के उपयोग से अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया जा रहा है।