शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Feb 2025 10:29:59 PM IST
- फ़ोटो
भगवान बुद्ध की पावन भूमि बोधगया में रविवार को आयोजित द्वितीय बोधगया मैराथन में भारत समेत विभिन्न देशों के धावकों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इस ऐतिहासिक दौड़ की खास बात यह रही कि मंगोलियाई राजदूत गनबोल्ड डंबजाव ने न केवल मैराथन को हरी झंडी दिखाई, बल्कि खुद भी इसमें भाग लिया। साथ ही ओटीए गया के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल ने भी अपनी पत्नी के साथ इस आयोजन में हिस्सा लिया। इस आयोजन ने भारत और मंगोलिया के बीच बौद्ध संबंधों को और मजबूत किया।
बोधगया मैराथन समिति और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) की ओर से आयोजित मैराथन को मंगोलियाई राजदूत गनबोल्ड डंबजाव ने हरी झंडी दिखाई। 13वें कुंडेलिंग रिनपोछे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे, जबकि पूर्व एशियाई चैंपियन डॉ. सुनीता गोधारा इस मैराथन की ब्रांड एंबेसडर थीं।
मैराथन का मुख्य आकर्षण मंगोलियाई राजदूत गनबोल्ड डंबजाव रहे, जिन्होंने न केवल इसका उद्घाटन किया, बल्कि धावकों के साथ खुद भी दौड़े। यह आयोजन भारत और मंगोलिया के बीच 70 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाने के लिए किया गया था, जिसमें बौद्ध धर्म की मजबूत भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
इस प्रतिष्ठित मैराथन में ओटीए गया के 300 कैडेटों सहित कुल 2500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से 400 से अधिक विदेशी धावक थे। इसमें दक्षिण कोरिया, केन्या और इथियोपिया के पेशेवर धावकों ने भी हिस्सा लिया। ओटीए गया के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुकृति सिंह दहिया ने भी अपनी पत्नी के साथ 10 किलोमीटर की दौड़ में भाग लिया। उनके इस कदम से सेना के अनुशासन और फिटनेस के प्रति जागरूकता को बढ़ावा मिला।
मैराथन में इथियोपिया की एक महिला और केन्या के एक पुरुष ने 41 किलोमीटर की दौड़ जीती। विजेताओं को नकद पुरस्कार के अलावा 42 किलोमीटर की दौड़ के शीर्ष धावकों को दक्षिण कोरिया की मुफ्त यात्रा भी दी गई। बोधगया के कालचक्र मैदान से ढुंगेश्वरी पहाड़ियों तक आयोजित इस मैराथन में धावकों ने अपनी ताकत दिखाई। सुबह साढ़े चार बजे शुरू हुई इस दौड़ में धावक निर्धारित दूरी तय कर कालचक्र मैदान पहुंचे।
आईबीसी के महानिदेशक अभिजीत हलधर ने कहा कि यह मैराथन पूरी तरह सफल रही और इसे सभी का भरपूर समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसे और बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा।