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कटिहार के मनिहारी नगर पंचायत में करोड़ों का घोटाला उजागर, अध्यक्ष लाखों यादव पर गंभीर आरोप

कटिहार के मनिहारी नगर पंचायत में करोड़ों का वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। जांच रिपोर्ट में अध्यक्ष लाखों यादव के कार्यकाल में अवैध निर्माण, बैरियर वसूली में धांधली और ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने जैसी गंभीर गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 30 Aug 2025 04:43:15 PM IST

बिहार

लाखों यादव के कार्यकाल पर सवाल - फ़ोटो सोशल मीडिया

KATIHAR:  मनिहारी नगर पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं का एक बड़ा मामला सामने आया है। कटिहार जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट ने नगर पंचायत अध्यक्ष लाखों यादव के कार्यकाल के दौरान हुए लगभग सभी विकास कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस दौरान कराए गए अधिकांश कार्यों में भारी भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी की पुष्टि हुई है।


कैसे हुआ खुलासा?

इस घोटाले की शुरुआत एक स्थानीय पत्रकार की शिकायत से हुई। उन्होंने जिला प्रशासन का ध्यान नगर पंचायत में फैले भ्रष्टाचार की ओर खींचा था। नगर पंचायत में हुई गड़बड़ियों की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसने नगर पंचायत की सभी योजनाओं, निविदाओं और खर्च की विस्तृत जांच की। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 


बस स्टैंड की जमीन पर अवैध निर्माण

जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, नगर पंचायत ने मनिहारी बस स्टैंड परिसर में अवैध रूप से स्थायी दुकानों का निर्माण कराया। यह जमीन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की थी, जिस पर नगर पंचायत का कोई अधिकार नहीं था। इसके बावजूद, प्रशासन ने इस अवैध निर्माण पर करीब 7 लाख रुपये का भुगतान ठेकेदार को कर दिया। जांच में इसे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करार दिया गया है।


बैरियर की बदोबस्ती में धांधली

जांच का दूसरा बड़ा खुलासा बैरियर बदोबस्ती से जुड़ा है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, नगर पंचायत ने बैरियर वसूली का ठेका 70 लाख रुपये में दिया था। लेकिन संबंधित पक्षों की मिलीभगत से वास्तविक वसूली राशि छिपाई गई, जिसके कारण सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुँचा। रिपोर्ट में इस पूरी प्रक्रिया को “लूट” और “घोर वित्तीय अनियमितता” बताया गया है।


लाखों यादव के कार्यकाल पर सवाल

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अध्यक्ष लाखों यादव के कार्यकाल के दौरान हुए सभी विकास कार्य संदिग्ध हैं। इस दौरान अधिकतर योजनाएँ अधूरी पाई गईं। नगर पंचायत के ठेके में टेंडर के लिए निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए फर्जी बिल और कागजी कार्रवाई की गई. वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के अधिकांश कार्यों में गड़बड़ी हुई. जांच समिति ने सुझाव दिया है कि अध्यक्ष के पूरे कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत की ओऱ से कराये गये काम की उच्च स्तरीय जांच (Vigilance Inquiry) होनी चाहिए।  मनिहारी के अनुमंडल पदाधिकारी ने ये जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है. 


मंत्री ने कहा– भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा

इस मामले पर नगर आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है। यहाँ किसी को बचाया नहीं जाएगा और किसी को फंसाया भी नहीं जाएगा. भ्रष्टाचार साबित हुआ तो चाहे कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे सजा मिलेगी. 


पत्रकारों ने कहा कि मनिहारी के तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष खुद को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव का करीबी करार देते हैं. इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि जब लालू और तेजस्वी नहीं बच पाए तो उनके करीबी कैसे बचेंगे? हमारी सरकार दूध का दूध और पानी का पानी करने का काम करती है।