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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 05 May 2025 07:19:23 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Education Department: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से स्कूली बच्चों के नामांकन को लेकर एक चौंकाने वाली गड़बड़ी सामने आई है। यहां पढ़ने वाले हजारों बच्चे, जो कभी अपने गांव से बाहर नहीं गए, उनके नाम न केवल बिहार के अन्य जिलों बल्कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों के स्कूलों में दर्ज पाए गए हैं। इस मामले ने अभिभावकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को हैरानी में डाल दिया है। जांच में पता चला कि यह गड़बड़ी यू-डायस पोर्टल पर आधार नंबर अपलोड करने में हुई त्रुटि के कारण हुई है।
जांच के बाद सामने आया कि 5,000 से अधिक बच्चों का नामांकन बिहार से बाहर के स्कूलों, खासकर महाराष्ट्र में दर्ज है। 20,000 से ज्यादा बच्चों का नामांकन बिहार के अन्य जिलों में दिख रहा है। कुल मिलाकर, 30,000 से भी अधिक बच्चों के आधार नंबर में गड़बड़ी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। इधर अभिभावक हैरान हैं कि उनके बच्चे, जो मुजफ्फरपुर के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और कभी जिले से बाहर नहीं गए, उनका नामांकन अन्य राज्यों में कैसे हो गया।
जांच में यह भी पता चला कि कि यू-डायस पोर्टल पर बच्चों के आधार नंबर अपलोड करने में लापरवाही बरती गई। यू-डायस एक राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो स्कूलों में नामांकन, शिक्षकों और बुनियादी ढांचे की जानकारी को ट्रैक करता है। आधार नंबर के गलत अपलोड होने या डुप्लिकेट एंट्री के कारण बच्चों का डेटा गलत स्कूलों में चला गया। यह समस्या केवल मुजफ्फरपुर तक सीमित नहीं है बल्कि बिहार के अन्य जिलों में भी ऐसी गड़बड़ियां देखी जा रही हैं।
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ ने बताया कि इस समस्या का समाधान आसान नहीं है। प्रभावित बच्चों को अपने जिले के स्कूलों में नाम वापस लाने के लिए संबंधित राज्य या जिले के स्कूल को उन बच्चों को अपनी सूची से हटाना होगा। इसके बाद ही इन बच्चों का नामांकन मुजफ्फरपुर के स्कूलों में दोबारा हो सकेगा। अब इस प्रक्रिया के लिए राज्य स्तर पर आवेदन भेजा जा रहा है, और मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में प्रभावित बच्चों की सूची तैयार की जा रही है।