Life Style: गर्मियों में इसके पत्तों का सेवन क्यों है जरूरी? जानिए.. इसके 5 चमत्कारी फायदे Samastipur Snake Catcher: नहीं रहे 'सांपों के मसीहा' जय सहनी, जिनकी जिंदगी बचाने को रहते थे हमेशा तत्पर, उन्हीं में से एक ने ले ली जान Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 15 Jan 2025 03:08:59 PM IST
Bihar Land Survey - फ़ोटो प्रतीकात्मक तस्वीर
Bihar Land Survey: बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) एक ओर जहां जमीन के सर्वे को लेकर सूबे के लोगों की हर संभव मदद करना चाह रही है। वहीं दूसरी ओर, पदाधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया इसमें पलीता लगा रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां परिमार्जन के लिए आए रैयतों के आवेदनों को बिना कारण बताए पदाधिकारी अस्वीकृत कर दे रहे हैं। समीक्षा के दौरान मामला सामने आया, जिसके बाद विभाग ने ऐसे पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई का निर्देश सभी जिले के समाहर्ता को दिया है।
चकबंदी निदेशक राकेश कुमार ने सभी समाहर्ता को भेजे गए पत्र में लिखा है कि डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार को लेकर राज्य सरकार ने परिमार्जन प्लस सुविधा शुरू की है। ऑनलाइन व्यवस्था से ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में भू-अभिलेख को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान ऑनलाइन दाखिल-खारिज और परिमार्जन सरकार की प्राथमिकता में है। दरअसल, देखा जा रहा है कि परिमार्जन प्लस में सुधार के लिए आवेदन करने वाले रैयतों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। उनके आवेदनों को बिना किसी वैध कारण अस्वीकृत कर दिया जा रहा है। इससे आम नागरिकों और भू-धारियों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
निदेशक की ओर से जारी पत्र के अनुसार, सात जनवरी 2025 तक राज्य में 10 लाख से भी अधिक आवेदन लंबित पाए गए हैं। इनमें ऑनलाइन जमाबंदी के पांच लाख 85 हजार 731 आवेदन हैं। वहीं, छूटी हुए जमाबंदी के मामलों के पांच लाख 12 हजार 144 आवेदन लंबित हैं। निदेशक ने सभी समाहर्ता से विशेष अभियान चलाकर तीन माह से अधिक समय से लंबित आवेदनों का निष्पादन एक माह में कराने का आग्रह किया है। इस मामले में लापरवाही और शिथिलता बरतने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के भी कहा है। राज्य में 10 लाख से अधिक आवेदन लंबित हैं।
DM ने की समीक्षा, अंचलों को दिया सुधार लाने का निर्देश
इस बीच जिले में राजस्व विभाग से जुड़े मामलों समेत कई विभागों की योजनाओं की डीएम सुब्रत कुमार सेन ने समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सरकारी दिशानिर्देश के अनुरूप शत प्रतिशत उपलब्धि ससमय हासिल करने का निर्देश दिया। दाखिल खारिज की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिला स्तर पर निष्पादन का प्रतिशत 84 है। अंचलवार समीक्षा में पाया गया कि दाखिल खारिज में पारू की 95, मुरौल 92, साहेबगंज 90, सकरा 89 व मड़वन 89 उपलब्धि है। जबकि कांटी की उपलब्धि 71, मुशहरी 82, मीनापुर 82, कुढ़नी 83, मोतीपुर 83, गायघाट 83, बोचहां 84, औराई 85, कटरा 85 प्रतिशत है।
डीएम ने असंतोषजनक प्रदर्शन वाले अंचल कांटी, साहेबगंज, मुशहरी, कटरा, सरैया को सुधार लाने का निर्देश दिया। आधार सीडिंग के मामले में अंचलों की स्थिति औराई 71, गायघाट 62, पारू 60, बंदरा 59, मड़वन 59 प्रतिशत है। भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र निर्गत करने में मुरौल, औराई, बोचहां, गायघाट, कुढ़नी, मोतीपुर, कटरा और साहेबगंज में 100% डिस्पोजल है। वहीं, मड़वन में 97, कांटी 97, मुशहरी 98, पारू 98, मीनापुर 99 प्रतिशत डिस्पोजल है। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को भूमि मापी से संबंधित आवेदन का उपलब्ध अमीन के माध्यम से शीघ्र निष्पादन करने को कहा।