1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Feb 2025 10:52:38 PM IST
khushi family members - फ़ोटो
khushi kidnapping case मुजफ्फरपुर शहर के चर्चित छह वर्षीय बच्ची खुशी अपहरण कांड की जांच कर रही सीबीआइ एक बार फिर से सक्रिय हो गयी. बीते सात फरवरी से लगातार शहर में कैंप कर रही है. सीबीआइ के अधिकारी लगातार जिले में घूम- घूमकर खुशी के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है. सीबीआइ के अधिकारी सोमवार की सुबह साढ़े दस बजे खुशी के पमरिया टोला स्थित आवास पर पहुंची. पिता राजन साह, मां, दादा- दादी समेत परिवार के अन्य सदस्यों से घटना के संबंध में लंबी पूछताछ की है. इस दौरान सीबीआइ की टी राजन साह के घर से सटे गली- मोहल्ले में जाकर छानबीन की है.
घर के पास कौन- कौन पोखरा व नाला बहती है इसके बारे में भी जानकारी जुटायी है. पूछताछ के दौरान राजन साह ने जिन- जिन संदिग्धों के नाम बातये थे. सीबीआइ उनके पते का भी सत्यापन की है. सोमवार सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक सीबीआइ की टीम राजन साह के घर व उसके मोहल्ले में जांच करती रही. हालांकि, सीबीआइ की ओर से अनुसंधान प्रभावित ना हो इसको लेकर कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया है. वहीं, खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि सीबीआइ की टीम बीते चार दिनों से शहर में कैंप कर रही है. बीते सात फरवरी को भी सीबीआइ के दो अधिकारी उनके घर पर पहुंचे थे.
राजन साह का कहना है कि पहले जो आइओ केस की जांच कर रहे थे वह बदल गए है. नए आइओ लगातार उनकी बेटी का सुराग लगाने के लिए शहर में कैंप कर रहे हैं. सोमवार को भी सीबीआइ के दो अधिकारी उनके आवास पर पहुंचे. उनके साथ- साथ पत्नी, माता, पिता व परिवार के अन्य सदस्यों का भी बयान दर्ज की है. आसपास के मोहल्ले के लोगों से भी पूछताछ व बयान दर्ज किया है. वहीं, उसकी बेटी के अपहरण के केस में जेल से जमानत पर बाहर गए अमन से भी आइओ को पूछताछ करनी थी. लेकिन, उसके शहर से बाहर होने के कारण पूछताछ नहीं हो पायी है. राजन साह ने कहा कि उसने सीबीआइ को जिन संदिग्धों का नाम बताया था सीबीआइ उसके घर का भी सत्यापन कर रही है. जल्द ही संदिग्धों से पूछताछ कर सकती है.
16 फरवरी 2021 को खुशी का हुआ था अपहरण
ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी चौक स्थित सरस्वती पूजा पंडाल से 16 फरवरी 2021 को खुशी का अपहरण कर लिया गया था. मामले में उसके पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ब्रह्मपुरा पुलिस पहले जांच को गंभीरता से नहीं लिया. जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पुलिस एक्टिव हुई. चार जिलों में जाकर छानबीन की. सेंट्रल जेल में बंद आरोपित अमन व संदिग्ध राहुल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया. लेकिन, कुछ सुराग नहीं मिला तो केस की जांच मई 2022 में सीबीआइ को सौंप दिया गया. सीबीआइ ने राजन साह का भी बाद में पॉलीग्राफी टेस्ट कराया था. इसके बाद से लगातार सीबीआइ इस केस की जांच कर रही है.