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बिहार पर कांग्रेस की सियासी नजर: 27 मई को फिर बिहार आ रहे राहुल गांधी, इस बार मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नालंदा आएंगे

27 मई को प्रस्तावित यह दौरा विशेष इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि नालंदा CM नीतीश का मजबूत गढ़ माना जाता है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उनकी परंपरागत वोट बैंक में आता है। ऐसे में राहुल EBC सम्मेलन में भाग लेना सीधा राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 May 2025 08:51:52 PM IST

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पांच महीने में छठा दौरा - फ़ोटो google

NALANDA: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर बिहार के दौरे पर आने वाले हैं। आगामी 27 मई को उनके बिहार आगमन की संभावना जताई जा रही है। यह दौरा खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में "अत्यंत पिछड़ा वर्ग सम्मेलन" में भाग लेने के उद्देश्य से हो रहा है। कांग्रेस इस सम्मेलन के जरिए EBC (Extremely Backward Classes) अत्यंत पिछड़ा वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।


बता दें कि अभी दो दिन पहले ही 15 मई को राहुल गांधी बिहार आए थे. इस दौरान वो दरभंगा जाने के बाद पटना आए थे। इस दौरान वे बिहार में 7 घंटे तक रहे। दरभंगा में प्रशासन की परमिशन के बिना वो अंबेडकर छात्रावास पहुंचे थे और वहां के छात्रों को मंच से संबोधित किया थे। बिना परमिशन छात्रावास में जाने को लेकर उनके खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर भी दर्ज हुआ था। दरभंगा से पटना आने के बाद उन्होंने लोदीपुर स्थिति सिटी सेंटर में 400 सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ फुले फिल्म देखी। उसके बाद शाम में साढ़े पांच बजे वो पटना एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हो गये। 


दो दिन पहले ही वो बिहार आए थे, अब फिर यह बात निकलकर सामने आ रही है कि 27 मई को राहुल गांधी एक बार फिर बिहार आ रहे हैं। इस बार वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र जाएंगे जहां अत्यंत पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगे। बता दें कि पिछले 5 महीने में राहुल गांधी का यह छठा दौरा होगा। राहुल गांधी के लगातार बिहार दौरे से कांग्रेस खुद को मजबूत करने में जुटी है।


पांच महीने में छठा दौरा, राहुल गांधी की बिहार में सक्रियता बढ़ी

राहुल गांधी का यह दौरा इस वर्ष का छठा बिहार दौरा होगा। पिछले कुछ महीनों में राहुल गांधी की लगातार उपस्थिति ने यह संकेत दिया है कि कांग्रेस राज्य में संगठन को फिर से मजबूत करने और जनाधार को पुनर्जीवित करने में गंभीर प्रयास कर रही है। इसे कुछ महीने बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी देखा जा रहा है। बिहार चुनाव को लेकर राहुल गांधी गंभीर हैं, इसलिए लगातार बिहार आ रहे हैं। इस बार उनकी उपस्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में होने जा रही है। जिसकी तैयारी में कांग्रेस जुट चुकी है।  


नालंदा में EBC सम्मेलन: सियासी संदेश और रणनीति

27 मई को प्रस्तावित यह दौरा विशेष इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजबूत गढ़ माना जाता है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उनकी परंपरागत वोट बैंक में आता है। ऐसे में राहुल गांधी का वहां EBC सम्मेलन में भाग लेना सीधा राजनीतिक संदेश माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, इस सम्मेलन में राज्य और जिला स्तर के कांग्रेस नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में EBC समुदाय के लोगों को शामिल किया जाएगा। राहुल गांधी का भाषण केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ, सामाजिक न्याय, आरक्षण और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो सकता है।


2025 की तैयारी या संगठन निर्माण?

भले ही लोकसभा चुनाव 2024 समाप्त हो चुका है, लेकिन राहुल गांधी के बिहार दौरे यह संकेत दे रहे हैं कि कांग्रेस की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर है। इसके अलावा, पार्टी EBC समुदाय को साधकर भाजपा और जदयू दोनों के पारंपरिक वोटबैंकों में काट डालने की रणनीति पर भी काम कर रही है।


कांग्रेस की मंशा साफ: खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश

राहुल गांधी के बिहार दौरे केवल औपचारिकता भर नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस लंबे समय से निष्क्रिय पड़े अपने सांगठनिक ढांचे को फिर से खड़ा करने की प्रक्रिया में है। जातीय समीकरण, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय सशक्तिकरण के मुद्दों को हथियार बनाकर पार्टी राज्य में अपनी राजनीतिक वापसी की जमीन तैयार कर रही है।