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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 08 Jun 2025 10:35:37 PM IST
शर्मनाक साइबर क्राइम - फ़ोटो google
BIHAR: बिहार के नवादा जिले में एक बेहद ही शर्मनाक साइबर क्राइम का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल यहां नि:संतान महिलाओं को गर्भवती बनाने के नाम पर 5 लाख रुपये देने का झांसा देकर लाखों की ठगी की जा रही थी। पुलिस ने इस अनोखे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को अरेस्ट किया। जिसमें एक सेना के जवान का बेटा है जबकि तीन नाबालिग है। इनके पास से 5 मोबाइल फोन और एक की-पैड फोन बरामद हुआ है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
मामले की जांच में जुटी साइबर थाने की पुलिस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने गृह मंत्रालय के पोर्टल पर उपलब्ध मोबाइल नंबरों की तकनीकी ट्रैकिंग और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर नवादा के रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव में छापेमारी की। इसी दौरान चार आरोपियों को एसआईटी ने धर दबोचा जबकि पुलिस को देखते ही कुछ लोग फरार हो गए। गिरफ्तार साइबर अपराधियों में एक सेना के जवान का 26 साल का बेटे राजेश कुमार शामिल है, जो कुंज गांव निवासी संजय सिंह का बेटा है। बाकि गिरफ्तार किये गये तीन नाबालिग बच्चे हैं। यह गिरोह मुख्य रूप से सोशल मीडिया और फर्जी विज्ञापनों के जरिए देशभर के लोगों को अपना शिकार बनाता था। महिला को प्रेग्नेंट बनाने के नाम पर यह गिरोह लोगों से ठगी करता था और लोग भी आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे।
ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब" कंपनी के नाम पर ठगी
गिरोह ने एक फर्जी कंपनी बना लिया था जिसका नाम ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब" रखा था। इसी नाम से साइबर रैकेट चलाया जा रहा था। जिसके माध्यम से नि:संतान और संतान की चाह रखने वाली महिलाओं को टारगेट किया जाता था। उन्हें सोशल मीडिया के ज़रिए आकर्षक विज्ञापन दिखाए जाते थे, जिसमें कहा जाता था कि जो पुरुष इन्हें गर्भवती करने में मदद करेगा, उसे 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। पीड़ितों से रजिस्ट्रेशन शुल्क, डॉक्युमेंटेशन और अन्य बहानों से पैसे ऐंठे जाते थे। इसके साथ एक ऐसा वीडियो बनाया गया था, जिसमें एक युवती इस झूठे प्रस्ताव को प्रमोट करती नजर आती थी।
ठगी का दूसरा तरीका: फर्जी वर्क फ्रॉम होम जॉब ऑफर
यह गिरोह लोगों से दूसरे तरीके से भी ठगी करता था। देश की नंबर 1 टेलिकॉम कंपनी के नाम पर फर्जी पार्ट-टाइम/फुल-टाइम जॉब के विज्ञापन निकाले गया था। वादा किया जाता था कि घर बैठे 22,500 से 75,500 रुपये तक की कमाई होगी। इनके टारगेट पर युवा, महिलाएं, छात्र और बेरोजगार शामिल थे। उन्हे मुफ्त मोबाइल और लैपटॉप देने का लालच भी दिया जाता था। पेपर और सोशल मीडिया के जरिए विज्ञापन प्रसारित किया जाता था। एक बार जब लोग संपर्क करते, तो उनसे रजिस्ट्रेशन और अन्य मदों में ठगी की जाती थी।
पुलिस ने तीन नाबालिक और एक बालिग को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 5 मोबाइल फोन और एक की-पैड फोन बरामद हुआ है। मोबाइल से कई सबूत और संदिग्ध चैट, वीडियो, नंबर मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। गिरोह का सरगना अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। इस मामले में साइबर थाना कांड संख्या 85/25 के तहत आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने यह बात स्वीकार किया है कि यह सब वह गिरोह के सरगना के ईशारे पर किया करता था। जो उन्हें पीड़ितों के मोबाइल नंबर, विज्ञापन और ठगी के तरीकों की पूरी योजना देता था। बताता था कि कैसे लोगों को अपने झांसे में लेना है। यह मामला आपको अलर्ट करता है कि सोशल मीडिया या अनधिकृत स्रोतों से मिलने वाले असामान्य ऑफर या नौकरियों के झांसे में न आएं। किसी भी प्रकार की अनिश्चित जानकारी मिलने पर तुरंत स्थानीय साइबर पुलिस या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।