Bihar News: जारी हुआ पटना-गोरखपुर वंदे भारत का टाइम टेबल, किन-किन स्टेशनों पर ठहरेगी ट्रेन? जानें.. Bihar News: मानसून के आने से पहले मौसम का कहर, बिहार में 12 लोगों की मौत Bihar News: राज्य में बनेंगे 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट, न्याय की व्यवस्था अब तुरंत; खौफ में अपराधी Bihar Monsoon: मानसून का इंतजार हुआ ख़त्म, मौसम विभाग ने आंधी-तूफान और भीषण बारिश को लेकर जारी किया अलर्ट वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 19 Apr 2025 08:59:05 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
AI in election: 2024 के लोकसभा चुनावों में जिस टूल ने प्रचार की रणनीति को सबसे ज्यादा बदला वह था ,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। बिहार में भी इसका असर खूब दिखा, जहां नेताओं की आवाज़ में लाखों फर्जी कॉल्स, AI से बने भाषण और deepfake वीडियो वायरल हुए।
वहीँ BJP, कांग्रेस, JDU, RJD जैसे दलों ने प्रचार में AI का जमकर इस्तेमाल किया। ‘भाषिणी’ जैसे टूल से भाषणों का रीयल-टाइम अनुवाद हुआ, जबकि AI-वॉयस क्लोनिंग से नेताओं की आवाज़ में देश भर में 5 करोड़ से अधिक रोबोकॉल किए गए।
चुनाव में AI का प्रचार तंत्र
ग्रामीण क्षेत्रों में रोबोकॉल यानि AI की मदद से प्री रिकार्डेड आवाज से मतदाताओं को प्रभावित किया गया। कुछ Deepfake वीडियो में नेताओं को ऐसी बातें कहते हुए दिखाया गया जो उन्होंने कभी कही ही नहीं इससे कई बार वोटर्स के मन में भ्रम की स्थिति बनी।
चुनाव आयोग सतर्क
चुनाव आयोग अब इस पर नई गाइडलाइन बनाने में जुट गया है। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार समेत पूरे देश में Deepfake और फर्जी प्रचार सामग्री की बाढ़ आ गई थी। अब इसे रोकने के लिए सख्त नियम लाए जा रहे हैं, जिनकी पहली झलक संभवतः 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगी।
TRAI का एक्शन
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे AI आधारित फर्जी कॉल्स और अमान्य टेलिमार्केटर्स की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से दें।आपको बता दे कि Deepfake कॉल इतने रियल होते हैं कि कई बार हम असली-नकली का फर्क आम आदमी नहीं पाता है। AI से चुनाव अब डिजिटल दंगल बन गया है। AI ने प्रचार को सस्ता, तेज़ और ज्यादा असरदार बना दिया है लेकिन यह मतदाता की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह हर खबर और कॉल को सोच-समझकर ही स्वीकार करे।