1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Dec 2025 08:34:04 AM IST
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Bihar electricity rates : बिहार में बिजली दरों में बदलाव की तैयारियाँ जोर पकड़ रही हैं। राज्य की साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग (Bihar Electricity Regulatory Commission – BERC) को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें राज्य के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली की दर में 35 पैसे की बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है। यदि आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो यह नई दरें 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2027 तक लागू होंगी।
इस प्रस्ताव का सबसे खास पहलू यह है कि इसमें सिर्फ प्रति यूनिट दर बढ़ाने की बात नहीं है, बल्कि कुछ श्रेणियों में दो स्लैब की बिजली दर को घटाकर एक ही स्लैब करने का सुझाव भी शामिल है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को जटिल बिलिंग प्रणाली से राहत देना और कुछ मामलों में शहरी उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाना है।
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर असर
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पहले से दो स्लैब लागू थे – 7.42 रुपए प्रति यूनिट और 8.95 रुपए प्रति यूनिट। कंपनी के प्रस्ताव में इन दोनों स्लैब को हटाकर केवल 7.77 रुपए प्रति यूनिट की एक ही दर लागू करने की बात कही गई है। इसका लाभ यह होगा कि 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली की खपत के बाद उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट लगभग 1.18 रुपए तक की बचत हो सकती है। इसका मतलब है कि यदि कोई उपभोक्ता 100 यूनिट बिजली खपत करता है, तो उसे करीब 118 रुपए कम बिल का भुगतान करना पड़ेगा।
व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए प्रस्ताव
व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए भी बदलाव प्रस्तावित हैं। शहरी व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए एनडीएस-2 श्रेणी के तहत पहले दो स्लैब – 7.73 रुपए और 8.93 रुपए प्रति यूनिट – को हटाकर एक ही स्लैब 8.08 रुपए प्रति यूनिट लागू करने का प्रस्ताव है। इससे 100 यूनिट से अधिक बिजली उपयोग करने वाले व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट लगभग 85 पैसे की बचत होने की संभावना है।
ग्रामीण व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी दो स्लैब को हटाकर 8.14 रुपए प्रति यूनिट की एक दर लागू करने का सुझाव दिया गया है। यह कदम छोटे और बड़े दोनों प्रकार के व्यापारियों के लिए बिलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से है।
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रभाव
हालांकि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह बदलाव बिजली महंगी कर सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही एक ही स्लैब लागू है, इसलिए प्रस्तावित 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी सीधे उनके बिल में जुड़ जाएगी। इसी तरह, 100 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले शहरी और ग्रामीण दुकानदारों को भी बढ़ी हुई दरों का सामना करना पड़ सकता है।
जनसुनवाई की प्रक्रिया
बिहार विद्युत विनियामक आयोग इस प्रस्ताव पर जनसुनवाई आयोजित करने जा रहा है। इसके तहत राज्य के विभिन्न जिलों में जनता से सुझाव और आपत्तियां ली जाएंगी। बेगूसराय कलेक्ट्रेट में 12 जनवरी को और गया कलेक्ट्रेट में 19 जनवरी को जनसुनवाई होगी। इसके अलावा, पटना स्थित विद्युत भवन मुख्यालय-2 में 6 जनवरी और 5 फरवरी को आयोग इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा करेगा।
इसके अतिरिक्त, बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर और बिहार ग्रिड लिमिटेड के प्रस्तावों पर भी 6 जनवरी को जनसुनवाई की जाएगी। वहीं, बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के प्रस्ताव पर आयोग 23 दिसंबर को सुनवाई करेगा। इन सुनवाईयों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रस्तावित बदलाव सभी हितधारकों के लिए पारदर्शी और संतुलित हों।
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को कम बिजली खपत पर राहत मिलेगी, जबकि अधिक खपत करने वालों और ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय भार का सामना करना पड़ सकता है। व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए स्लैब को एक में बदलने का कदम बिलिंग प्रक्रिया को सरल बनाएगा और कुछ मामलों में लागत कम करने में मदद करेगा।
बिहार में बिजली दरों में प्रस्तावित बदलाव में 35 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि और कुछ श्रेणियों में दो स्लैब को घटाकर एक स्लैब करने का सुझाव है। शहरी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सकता है, जबकि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का सामना करना पड़ सकता है। आयोग द्वारा आयोजित जनसुनवाई में जनता की राय को शामिल करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बदलाव का असर 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2027 तक देखने को मिलेगा।