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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 12 Feb 2025 04:56:27 PM IST
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Bihar Crime News: पटना के एक वाहन कारोबारी को बड़ा धोखा मिला है. पीड़ित डीलर ने आर्थिक अपराध इकाई से लेकर पटना पुलिस के अधिकारियों तक दौड़ लगाई. लेकिन अब तक न्याय मिलते नहीं दिख रहा है. ईओयू की पहल पर श्रीकृष्णापुरी थाने में केस तो दर्ज हुआ, लेकिन आज तक जांच की गाड़ी सही जगह तक नहीं पहुंची है. ऐसा लग रहा कि जांच की बात कर पुलिस इस केस को भी डंप करने पर तुली है. जांच में देरी होने से पीड़ित कारोबारी की बेचैनी बढ़ती जा रही है. समझ में नहीं आ रहा कि वो क्या करे....
बिहटा के रहने वाले अमन कुमार ने एक फाइनेंस कंपनी से संविदा पर 300 वाहन खरीदे और उसे ग्राहकों को बेच दिया. लेकिन कंपनी के पूर्व अधिकारियों ने इसके साथ बड़ा खेल कर दिया. जो अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया था वह फर्जी निकला. अब कंपनी के नए मैनेजर ने उन सभी वाहनों को सड़क से उठाकर जब्त कर लिया. लिहाजा ग्राहक अमन कुमार से पैसे मांग रहे हैं.पीड़ित कारोबारी अमन ने उक्त फाइनेंस कंपनी के पटना के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लेकर आर्थिक अपराध इकाई के साथ पहुंचा. आर्थिक अपराध इकाई के एसपी ने पटना के एसएसपी को पत्र लिखा और कार्रवाई करने को कहा. बड़ी मुश्किल से 1 दिसंबर 2024 में राजधानी के श्री कृष्णा पुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई। लेकिन पुलिस आज तक जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है.
दरअसल, श्री कृष्णापुरी थाना क्षेत्र के चिल्ड्रन पार्क के पास एक फाइनेंस कंपनी का शाखा कार्यालय है. यह कंपनी वाहन खरीदने के लिए ऋण देती है. जब ग्राहक ऋण चुकता नहीं करता तो गाड़ी नीलाम किया जाता है. अमन ने इसी तरह से 300 वाहनों को वर्ष 2020 से जून 2022 तक 2 करोड़ 15 लाख रुपए में खरीदा. पटना से लेकर दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर,बेतिया, जहानाबाद, लखीसराय समेत अन्य जिलों से गाड़ी मिले थे. तब के मैनेजर और कर्मियों ने उन्हें गाड़ियों के कागजात और एनओसी दिए थे. इस आधार पर अमन ने उन वाहनों को बेंचा. दर्ज प्राथमिक में अमन ने बताया है कि 295 डीजल ऑटो खरीदने के लिए 86,78,000 रू कंपनी के खाते में भुगतान किया गया .इसके एवज में 193 ऑटो मिले, लेकिन उसके कागज नहीं मिले. जब कंपनी ने वाहन जप्त करना शुरू किया तो पता चला की अधिकतर गाड़ियों के कागजात फर्जी थे. श्री कृष्णा पुरी थाने की पुलिस ने एक दिसंबर 2024 को केस संख्या 354 दर्ज किया था. जिसमें कंपनी के पूर्व अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी.
इधर, आरोपी फाइनेंस कंपनी के पटना के सहदेव महतो कार्यालय के अधिकृत पदाधिकारी ने इस केस के आीओ सैयद रजी. को अपना लिखित बयान भेजा है. जिसमें कहा गया है कि कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार अमन कुमार ने 86 लाख 78000 का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया था. इसके एवज में इन्हें 232 गाड़ियां बेची गई थी. फिलहाल पुराने रिकॉर्ड से पूरी जानकारी प्राप्त नहीं हो रही है. जैसे ही कंपनी को कोई अतिरिक्त जानकारी मिलेगी, इस संबंध में जानकारी दी जाएगी .कंपनी प्राथमिकी के अनुसंधान में हर संभव सहयोग के लिए तैयार है. आगे कहा गया है की सूचक से प्रश्नगत गाड़ियों के संबंध में जानकारी की मांग की जाए, जिससे मिलान कर कंपनी पूरी जानकारी प्रदान करने में सक्षम होगी.