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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 11 Jun 2025 07:13:50 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है, और इसके चलते राज्य में रिकॉर्ड स्तर पर बिजली की खपत दर्ज की जा रही है। मंगलवार की रात 10 बजे के बाद बिजली की खपत 8303 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक की सर्वाधिक है। यह आंकड़ा पिछले साल 23 सितंबर को दर्ज 8005 मेगावाट से 298 मेगावाट अधिक है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस खपत में देर रात तक और वृद्धि हो सकती है और अगर गर्मी का यही रुख रहा तो यह आंकड़ा जल्द ही 9000 मेगावाट के पार जा सकता है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि यह न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी है। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल मार्गदर्शन में बिहार में बिजली की आपूर्ति और वितरण प्रणाली में बड़ा सुधार हुआ है। राज्य सरकार उपभोक्ताओं की जरूरतों को देखते हुए बिजली कंपनियों को लगातार तकनीकी एवं वित्तीय समर्थन दे रही है।
2005 में बिहार की अधिकतम बिजली मांग 700 मेगावाट थी, जो अब 8303 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। उसी वर्ष राज्य में मात्र 17 लाख बिजली उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर 2 करोड़ 13 लाख से अधिक हो गए हैं। प्रति व्यक्ति बिजली खपत भी 70 यूनिट से बढ़कर 360 यूनिट हो गई है। यह राज्य में आर्थिक प्रगति और शहरीकरण की तेज़ रफ्तार का संकेत है।
बिहार सरकार द्वारा इस वर्ष बिजली सब्सिडी पर 15,995 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली मिल रही है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार में बिजली दरें कम हैं, जिससे उद्योग, कृषि और घरेलू उपयोग में भारी बढ़ोतरी हो रही है।
वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 23–24 घंटे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 21–22 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। यह सुधार विशेष रूप से बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीवनस्तर में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध हुआ है।
राज्य में इंडस्ट्रियल ग्रोथ, डिजिटल एजुकेशन, कोल्ड स्टोरेज, सिंचाई और स्टार्टअप गतिविधियों में बिजली की उपलब्धता ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऊर्जा विभाग स्मार्ट मीटर, ग्रिड सबस्टेशन और सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा दे रहा है जिससे दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
बिजली विभाग ने अगले तीन वर्षों में मांग के 10,000 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना जताई है। इसके लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क विस्तार, अतिरिक्त पावर खरीद समझौते और अक्षय ऊर्जा स्रोतों को शामिल करने की योजनाएं बनाई गई हैं।
बिहार में बिजली खपत का यह नया रिकॉर्ड केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि राज्य की सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक प्रगति का प्रमाण है। अगर वर्तमान रफ्तार बनी रही, तो बिहार जल्द ही देश के अग्रणी ऊर्जा-सक्षम राज्यों में शामिल हो सकता है।