1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 30 Nov 2025 07:19:18 PM IST
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Bihar IAS Officer: बिहार के दो IAS अधिकारियों, 2014 बैच की अभिलाषा शर्मा और 2017 बैच के योगेश कुमार सागर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने राज्य सरकार से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। सरकार के अनुमोदन के बाद दोनों के खिलाफ FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
यह कार्रवाई ED द्वारा ठेकेदार रिशुश्री के आवास से जब्त डिवाइस से मिले डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। ED ने इस साक्ष्य को SVU को भेजते हुए दोनों IAS अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। टेंडर घोटाले के जांच के दौरान ईडी को दोनों अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। घोटाले के मास्टरमाइंड रिशुश्री ने दोनों को यूरोपी ट्रिप पर भेजा था।
सरकारी अनुमति का इंतजार
SVU के एडीजी पंकज कुमार दराद ने बताया कि ED से प्राप्त सभी जानकारी सरकार को भेज दी गई है। जल्द ही सरकार की प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सरकार दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांग सकती है।
अभिलाषा शर्मा पर लगे आरोप
फिलहाल ग्रामीण विकास विभाग में JEEViKA की CEO और मनरेगा आयुक्त के पद पर तैनात अभिलाषा शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि उनके आवास की बागवानी पर करीब 10 लाख रुपये का भुगतान रिशुश्री और उसकी कंपनी ने किया था। उनके रिश्तेदारों को गोवा, दिल्ली और हैदराबाद की यात्राएं कराई गईं, जिसका खर्च रिशुश्री ने उठाया। महंगे iPhone और अन्य उपहार देने के डिजिटल सबूत भी मिले हैं।
योगेश कुमार सागर पर आरोप
वहीं समाज कल्याण विभाग में तैनात IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर पर भी गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई है। जांच के दौरान ईडी को जानकारी मिली कि उनके आठ रिश्तेदारों को ऑस्ट्रिया ट्रिप पर ले जाया गया। वहां ठहरने और अन्य खर्चों का भुगतान भी रिशुश्री की कंपनी द्वारा किया गया।
चालीस लाख से अधिक का खर्च
जांच से सामने आया है कि रिशुश्री ने इन दोनों IAS अधिकारियों पर 40 लाख रुपये से अधिक खर्च किया। SVU का कहना है कि रिशुश्री का कनेक्शन IAS अधिकारी संजय हंस से जुड़े मामले में भी पाया गया है, जिसे लेकर ED पहले से जांच कर रही है।
कई विभागों में बड़े ठेके किए थे रिशुश्री
रिशुश्री की कंपनी जल संसाधन, नगर विकास, BUDCO, शिक्षा, भवन निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग में बड़े स्तर पर ठेके लेती थी। ED द्वारा जब्त डिवाइस की जांच में ही दोनों अधिकारियों के खिलाफ पूरा मामला उजागर हुआ है।