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Bihar Politics: लखीसराय में कांग्रेस टिकट की जंग के बीच ACB ने दावेदार को किया गिरफ्तार, अब क्या होगी राहुल और तेजस्वी की रणनीति

Bihar Politics: कांग्रेस के प्रमुख दावेदार माने जा रहे विनय सिंह की गिरफ्तारी ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को हिला दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग ने गुरुवार को जमीन की अवैध जमाबंदी मामले में विनय सिंह को गिरफ्तार किया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Sep 2025 12:55:31 PM IST

विनय सिंह गिरफ्तार

विनय सिंह गिरफ्तार - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar Politics : लखीसराय विधानसभा सीट पर कांग्रेस में टिकट को लेकर मची होड़ अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक दावेदारों की लॉबिंग और सियासी हलचल तेज है। इसी बीच कांग्रेस के प्रमुख दावेदार माने जा रहे विनय सिंह की गिरफ्तारी ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को हिला दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग ने गुरुवार को जमीन की अवैध जमाबंदी मामले में विनय सिंह को गिरफ्तार किया। वे राजद के विधान परिषद सदस्य अजय सिंह के छोटे भाई हैं और इस बार कांग्रेस के टिकट से लखीसराय से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।


व्यवसायिक पृष्ठभूमि और मजबूत संसाधनों के चलते विनय सिंह कांग्रेस के टिकट के लिए बड़े दावेदार माने जा रहे थे। उन्होंने कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष अपना आवेदन भी दाखिल किया था। आर्थिक और राजनीतिक सपोर्ट के आधार पर उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। कांग्रेस खेमे में चर्चा थी कि संगठनात्मक और वित्तीय स्तर पर वे सबसे सक्षम प्रत्याशियों में से एक हैं। यही वजह थी कि लखीसराय से उन्हें संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था।



अजय सिंह, जो राजद से विधान परिषद सदस्य हैं, लंबे समय से लखीसराय में सक्रिय हैं। हाल ही में राहुल गांधी की सभा से पहले उनके लगाए गए पोस्टरों को फाड़ दिया गया था। उस दौरान अजय सिंह ने सार्वजनिक रूप से यह दावा किया था कि डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा इस बार चुनाव हारेंगे और लखीसराय से विधायक नहीं बन पाएंगे। इस बयान को लेकर भी क्षेत्र में सियासी सरगर्मी तेज हुई थी।



भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हजारीबाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विनय सिंह को जमीन की अवैध जमाबंदी से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है। एसीबी केस संख्या 11/25 के तहत उन पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 2013 में रद्द किए गए पांच भूखंडों की जमाबंदी को अवैध रूप से बहाल किया। जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे खेल में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की भी मिलीभगत रही। चौबे की मदद से ही जंगल की जमीन को कब्जाने और बेचने का प्रयास किया गया।


सुप्रीम कोर्ट के 1996 के आदेश के अनुसार, जंगल में दर्ज भूमि का इस्तेमाल वन विभाग की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता। इसी आधार पर मामला फिर से खुला और एसीबी ने कार्रवाई की। जांच एजेंसी का कहना है कि विनय सिंह इस जमीन के लाभार्थी और खरीदार दोनों थे।



बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस गिरफ्तारी ने कांग्रेस खेमे में हलचल मचा दी है। अब यह सवाल उठने लगा है कि लखीसराय से पार्टी किस पर भरोसा जताएगी। टिकट की जंग पहले से ही तेज थी और अब विनय सिंह की गिरफ्तारी ने समीकरण और जटिल बना दिए हैं। कई स्थानीय नेताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी कांग्रेस की रणनीति को प्रभावित करेगी और सत्तापक्ष को भी राजनीतिक बढ़त मिल सकती है।


लखीसराय की राजनीति में यह घटना बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। कांग्रेस के सामने अब नए उम्मीदवार की तलाश की चुनौती है। वहीं, विपक्षी दल इस गिरफ्तारी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमलावर हो सकते हैं। कुल मिलाकर, टिकट की होड़ और एसीबी की कार्रवाई ने लखीसराय को बिहार चुनावी सियासत का सबसे चर्चित मैदान बना दिया है।