1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Dec 2025 09:27:07 AM IST
- फ़ोटो
Bihar Land Registry: बिहार में संपत्ति के निबंधन (रजिस्ट्री) की प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्यभर में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू करने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। इसके लिए नई ‘बिहार निबंधन नियमावली 2025’ का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिसे इसी वित्तीय वर्ष में लागू कर दिया जाएगा। यह कदम न केवल लोगों के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि दस्तावेजों की सुरक्षा और वैधता सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा।
डिजिटल रजिस्ट्री से मिलेगी तुरंत वैध कॉपी
नई पेपरलेस व्यवस्था रजिस्ट्री कार्यालयों के लगातार दौरे और कागजी कामकाज की परेशानी को खत्म करेगी। इसमें रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद संपत्ति की वैध डिजिटल कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। यह डिजिटल दस्तावेज हमेशा ऑनलाइन सुरक्षित रहेंगे, जिससे कागजात खो जाने या हेराफेरी की संभावना समाप्त हो जाएगी। विभाग का उद्देश्य है कि नियमावली तैयार करते समय सभी पक्षों के सुझाव और अनुभवों को शामिल कर एक मजबूत और विश्वसनीय प्रणाली बनाई जाए, जो राज्य के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में सुचारू रूप से काम कर सके।
उच्चस्तरीय समिति ने तैयार किया मसौदा
पेपरलेस रजिस्ट्री को सफल बनाने के लिए विभाग ने उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता सहायक निबंधन महानिरीक्षक, मगध प्रमंडल, गया कर रहे हैं। समिति में सेवानिवृत्त पदाधिकारियों को परामर्शी के रूप में शामिल किया गया है ताकि उनके दशकों के अनुभव का लाभ लिया जा सके। इसके अलावा, राज्य के सभी सहायक निबंधन महानिरीक्षकों से नियमावली के प्रारूप पर सुझाव मांगे गए हैं।
समिति का उद्देश्य एक ऐसी नियमावली तैयार करना है, जो न केवल पेपरलेस निबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, बल्कि जनता के लिए भी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और आसान बनाए। डिजिटल प्रणाली लागू होने के बाद लोगों को रजिस्ट्री के लिए लंबी कतारों और कागजों की जटिलता का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पेपरलेस रजिस्ट्री की मुख्य विशेषताएं
नई ई-निबंधन प्रणाली पूरी तरह डिजिटल होगी। इसमें कई कड़े प्रावधान शामिल होंगे, जिनका मुख्य उद्देश्य जालसाजी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। अब संपत्ति खरीदने वाला और बेचने वाला दोनों के लिए आधार कार्ड आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। इससे फर्जी पहचान के जरिए होने वाले रजिस्ट्री घोटाले पूरी तरह रुक जाएंगे।
दस्तावेजों पर पारंपरिक हस्ताक्षर की जगह अब बायोमेट्रिक साइन को डिजिटल साइन माना जाएगा। सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में अपलोड होंगे और उनका भंडारण क्लाउड सिस्टम में सुरक्षित रहेगा। इससे दस्तावेजों की वैधता और सुरक्षा में सुधार होगा और कागजात खोने की चिंता समाप्त होगी।
ऑनलाइन भुगतान की सुविधा
स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क का भुगतान अब केवल ऑनलाइन माध्यमों से किया जाएगा, जैसे नेट बैंकिंग, यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड। नकद भुगतान की अनुमति पूरी तरह समाप्त होगी। यह कदम वित्तीय लेनदेन को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की संभावना को भी रोकने में मदद करेगा।
लोगों को मिलेगा सीधा लाभ
पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू होने के बाद संपत्ति मालिक और खरीदार दोनों के लिए प्रक्रिया आसान, तेज और सुरक्षित हो जाएगी। डिजिटल दस्तावेज हमेशा उपलब्ध रहेंगे और कहीं भी, कभी भी डाउनलोड किए जा सकेंगे। इससे संपत्ति विवाद में भी मदद मिलेगी और कानून के अनुसार संपत्ति की वैधता सुनिश्चित होगी।
सरकार का उद्देश्य है कि बिहार निबंधन नियमावली 2025 के माध्यम से राज्य में संपत्ति निबंधन प्रणाली को पूरी तरह आधुनिक, डिजिटल और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाया जाए। यह पहल नागरिकों को सुविधाजनक सेवाएं देने के साथ-साथ सरकारी कार्य प्रणाली को भी पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।