1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 07:08:35 AM IST
- फ़ोटो
Bihar MLC Election 2025 : विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही बिहार की राजनीति का फोकस अब विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले चुनाव पर आ गया है। प्रदेश की आठ महत्वपूर्ण सीटों—पटना, दरभंगा और तिरहुत के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, साथ ही कोसी स्नातक और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र—पर जल्द ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इन सीटों के लिए राजनीतिक दलों से लेकर संभावित उम्मीदवार तक पूरी सक्रियता के साथ मैदान में डटे हुए हैं।
चुनाव की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग
भारत निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों को लेकर अपनी कार्ययोजना को तेज कर दिया है। आयोग ने मतदाता सूची निर्माण, बूथवार तैयारियों, मतदानकर्मियों के प्रशिक्षण और चुनावी प्रक्रियाओं की प्राथमिक गतिविधियां आरंभ कर दी हैं। परिषद चुनाव की प्रकृति सामान्य विधानसभा चुनावों से अलग होती है, क्योंकि इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता का आधार आम जनता नहीं, बल्कि स्नातक और शिक्षक वर्ग होता है। यही कारण है कि आयोग विशेष रूप से फॉर्म-18 के माध्यम से मतदाता पंजीकरण को लेकर सख्त और सजग है।
वर्तमान में एमएलसी के वर्तमान सदस्य और संभावित प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर मतदाता जोड़ने के अभियान में जुटे हुए हैं। हर दल यह सुनिश्चित करने में लगा है कि उनके समर्थकों का नाम सूची में शामिल हो, ताकि चुनावी आधार मजबूत हो सके।
छूटे मतदाताओं के लिए मौका—10 दिसंबर तक भरें फॉर्म-18
निर्वाचन आयोग ने ऐसे सभी पात्र लोगों को एक और अवसर दिया है, जो अब तक मतदाता सूची में नाम नहीं जोड़ पाए हैं। 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2025 तक इच्छुक व्यक्ति फॉर्म-18 भरकर अपने प्रखंड, जिला या कमिश्नरी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। यह फॉर्म संबंधित स्नातक या शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के लिए अनिवार्य है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि आवेदन प्रक्रिया में किसी भी दस्तावेज की कमी या त्रुटि पाए जाने पर उसे 25 दिसंबर 2025 तक ठीक करने का मौका दिया जाएगा। इस अवधि में सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा।
30 दिसंबर को आएगी अंतिम मतदाता सूची
सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 दिसंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने अपील की है कि सभी पात्र मतदाता समय सीमा के भीतर आवेदन जमा करें, ताकि उनका नाम सूची में शामिल हो सके और वे आगामी विधान परिषद चुनाव में मतदान कर सकें।
कौन बन सकता है स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता?
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता बनने के लिए आयोग ने नियमों को पुनः रेखांकित किया है। आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए। संबंधित क्षेत्र का निवासी होना जरूरी है। उसके पास 2022 या उससे पहले की मान्य स्नातक या समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। इन सीटों पर मतदान केवल उन लोगों का अधिकार है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त नागरिकों की श्रेणी में आते हैं।
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता बनने की शर्तें
शिक्षक मतदाता बनने के लिए नियम और भी विशेष हैं। केवल वही व्यक्ति पात्र होंगे, जो माध्यमिक विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाते हों। न्यूनतम तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य है। संबंधित संस्था का नाम सरकार की अधिसूचित सूची में शामिल होना चाहिए। अतिथि (गेस्ट) शिक्षक इन सीटों पर मतदाता नहीं बन सकते।इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सीटें वास्तव में सक्रिय, नियमित शिक्षकों की भागीदारी से तय हों।
किसका खत्म हो रहा है कार्यकाल? इस बार स्नातक कोटे की चार सीटें खाली हो रही हैं:
पटना स्नातक – नीरज कुमार
दरभंगा स्नातक – सर्वेश कुमार
तिरहुत स्नातक – वंशीधर ब्रजवासी
कोसी स्नातक – एन.के. यादव
वहीं, शिक्षक कोटे की चार सीटों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है:
पटना शिक्षक – नवल किशोर यादव
दरभंगा शिक्षक – मदन मोहन झा
तिरहुत शिक्षक – संजय कुमार सिंह
सारण शिक्षक – अफाक अहमद
इन सीटों पर नए चुनाव के साथ प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे। कई वर्तमान सदस्यों की सीटें खाली होने के कारण मुकाबला और भी दिलचस्प होने की संभावना है।
राजनीतिक दलों में शुरू हुआ मंथन
आगामी परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने भी संभावित उम्मीदवारों की सूची पर मंथन शुरू कर दिया है। परिषद की सीटें संख्या में कम होती हैं, पर उनकी राजनीतिक अहमियत बेहद बड़ी होती है, क्योंकि ये सीटें अक्सर शिक्षित वर्ग और जागरूक नागरिकों के प्रतिनिधित्व को दर्शाती हैं। ऐसे में हर दल योग्य और लोकप्रिय चेहरे उतारने की रणनीति पर ध्यान दे रहा है।
विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की आठ सीटों पर होने वाले आगामी चुनाव ने बिहार की राजनीति में नई गर्माहट ला दी है। मतदाता सूची निर्माण, उम्मीदवार चयन, और दलों की रणनीति—सब कुछ तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। अब निगाहें 30 दिसंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची और उसके बाद शुरू होने वाले चुनावी अभियान पर टिकी हैं।