Bihar News: बिहार में अब फल और सब्जियों की बर्बादी रोकेगी सरकार, समस्या के समाधान में खर्च किए जाएंगे ₹करोड़ो

Bihar News: बिहार सरकार ने फल और सब्जियों की बर्बादी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। अब किसानों का नुकसान कम होगा और आमदनी ज्यादा होगी..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Dec 2025 03:23:06 PM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार सरकार ने अब फल और सब्जियों को बर्बाद होने से बचाने को लेकर कमर कस लिया है। हर साल राज्य में लाखों टन फल-सब्जियां सड़कर बर्बाद हो रही हैं, जिससे किसानों की कमर टूट रही है। इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विभाग ने 22 करोड़ 25 लाख रुपये की एक योजना को हरी झंडी दे दी है। यह पैसा प्लास्टिक क्रेट, लेनो बैग और फ्रूट ट्रैप बैग जैसी सामग्री पर सब्सिडी के रूप में खर्च होगा ताकि किसान अपनी उपज को सुरक्षित तरीके से यहाँ से वहाँ ले जा सकें। राज्य के सभी 38 जिलों में फैले लाखों फल और सब्जी उगाने वाले किसानों को इससे फायदा पहुंचेगा।


इस योजना के तहत प्लास्टिक क्रेट की प्रति इकाई लागत 400 रुपये, लेनो बैग की 20 रुपये और फ्रूट ट्रैप बैग की 30 रुपये रखी गई है। सब्सिडी के बाद किसानों को ये चीजें सस्ते दामों पर मिलेंगी। एक किसान न्यूनतम 10 से अधिकतम 50 क्रेट, 100 से 1000 लेनो बैग और 300 से 10,000 फ्रूट ट्रैप बैग ले सकेगा। फ्रूट ट्रैप बैग का खास फायदा केला उत्पादकों को होगा, यह फल को कीटों से बचाने में मदद करेगा। लाभ लेने के लिए किसान को बिहार का मूल निवासी होना चाहिए और कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। आवेदन ऑनलाइन ही होगा और आवेदन के समय आधार, जमीन के कागजात और फोटो इत्यादि दस्तावेज अपलोड करने पड़ेंगे।


बिहार में यह कदम उठाना जरूरी भी है क्योंकि 2024 में राज्य ने करीब 17 मिलियन टन सब्जियां पैदा कीं थी लेकिन कोल्ड स्टोरेज की भारी कमी से लाखों टन अनाज और फल-सब्जियां सड़ जाती हैं। 12 जिलों में तो एक भी कोल्ड चेन की सुविधा नहीं है, जिससे कई बार बाजार तक पहुंचते-पहुंचते किसान की उपज खराब हो जाती है। यह नुकसान न सिर्फ आर्थिक है बल्कि सामाजिक भी है क्योंकि भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में 105वें स्थान पर है, वो भी गंभीर श्रेणी में। बिहार में 50% से ज्यादा आबादी बहुआयामी गरीबी में जी रही है और कुपोषण की समस्या सबसे ज्यादा यहीं है। इतनी बर्बादी से तेलंगाना या केरल जैसे राज्यों का पेट भर सकता है।


सरकार का यह प्रयास फसल अवशेष प्रबंधन और कचरा नियंत्रण योजनाओं का हिस्सा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही पैकेजिंग से नुकसान 20-30% तक कम हो सकता है और यह किसानों की आय दोगुनी करने में मददगार साबित होगा। योजना जल्द शुरू होने से बागवानी क्षेत्र में नया जोश आएगा और बिहार की उपज राष्ट्रीय बाजारों तक मजबूती से पहुंचेगी। किसानों से अपील है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर इसका लाभ लें ताकि बर्बादी की यह कहानी हमेशा के लिए खत्म हो सके।