ब्रेकिंग न्यूज़

पप्पू यादव ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहा..घुसपैठियों की लिस्ट जारी करें प्रधानमंत्री बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में अरवल जिला प्रशासन, डीएम-एसपी ने लिया तैयारियों का जायजा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा BIHAR NEWS : बस की छत पर सवार दो यात्री करंट से झुलसे, हालत गंभीर कैमूर में भीषण जाम से लोग परेशान: मोहनिया से टोल प्लाजा तक NH-19 पर घंटों फंसे वाहन चालक Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम

Bihar News: 18 साल पहले भ्रष्ट उत्पाद निरीक्षक ने ली थी 5,000 की रिश्वत, अब जुर्माना देकर काटेंगे जेल की हवा

Bihar News: बिहारशरीफ के उत्पाद निरीक्षक विजय चौरसिया को 18 साल पुराने रिश्वत मामले में एक साल की जेल, 10 हजार का लगा जुर्माना।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 May 2025 10:27:39 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: नालंदा के बिहारशरीफ में 18 साल पहले हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में निगरानी की विशेष अदालत ने तत्कालीन उत्पाद निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया को सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने सोमवार, 26 मई 2025 को चौरसिया को एक साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी है।


यह मामला 2007 का है, जब निगरानी ब्यूरो ने चौरसिया को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ राजीव रंजन की शिकायत पर कार्रवाई हुई थी, जिसमें आरोप था कि चौरसिया ने शराब दुकान के सुचारू संचालन के लिए रिश्वत मांगी थी।


निगरानी ब्यूरो ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाया और चौरसिया को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद उनके किराए के मकान की तलाशी ली गई, जहां से 3,29,806 रुपये नकद और एक लाइसेंसी पिस्तौल बरामद हुई। इस बरामदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया, क्योंकि इतनी बड़ी नकदी का स्रोत संदिग्ध था।


निगरानी ब्यूरो ने जांच पूरी करने के बाद समय पर आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके आधार पर कोर्ट में सुनवाई चली। करीब 18 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद चौरसिया पर आरोप सिद्ध हुए।


अदालत ने चौरसिया को दो अलग-अलग धाराओं में एक-एक साल की सजा और प्रत्येक में पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी कुल मिलाकर एक साल की जेल होगी। इस सजा ने उन सरकारी अधिकारियों के लिए चेतावनी का काम किया है, जो अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वतखोरी में लिप्त हैं।