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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 May 2025 10:27:39 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: नालंदा के बिहारशरीफ में 18 साल पहले हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में निगरानी की विशेष अदालत ने तत्कालीन उत्पाद निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया को सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने सोमवार, 26 मई 2025 को चौरसिया को एक साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी है।
यह मामला 2007 का है, जब निगरानी ब्यूरो ने चौरसिया को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ राजीव रंजन की शिकायत पर कार्रवाई हुई थी, जिसमें आरोप था कि चौरसिया ने शराब दुकान के सुचारू संचालन के लिए रिश्वत मांगी थी।
निगरानी ब्यूरो ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाया और चौरसिया को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद उनके किराए के मकान की तलाशी ली गई, जहां से 3,29,806 रुपये नकद और एक लाइसेंसी पिस्तौल बरामद हुई। इस बरामदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया, क्योंकि इतनी बड़ी नकदी का स्रोत संदिग्ध था।
निगरानी ब्यूरो ने जांच पूरी करने के बाद समय पर आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके आधार पर कोर्ट में सुनवाई चली। करीब 18 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद चौरसिया पर आरोप सिद्ध हुए।
अदालत ने चौरसिया को दो अलग-अलग धाराओं में एक-एक साल की सजा और प्रत्येक में पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी कुल मिलाकर एक साल की जेल होगी। इस सजा ने उन सरकारी अधिकारियों के लिए चेतावनी का काम किया है, जो अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वतखोरी में लिप्त हैं।