1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Dec 2025 10:46:37 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार की जेलों में अब कैदियों की मनमानी और ऐशोआराम की जिंदगी खत्म होने वाली है। राज्य सरकार ने दिल्ली की तिहाड़ और हिमाचल प्रदेश मॉडल की तर्ज पर सभी जेलों को हाई-टेक बनाने का फैसला लिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इसके लिए 155 करोड़ 38 लाख 36 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी गई है। इस राशि से राज्य की हर जेल में हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि कैदियों की हर हरकत पर 24 घंटे कड़ी निगरानी रहे।
इस योजना के तहत राज्य की आठ सेंट्रल जेलों में 350 से 400 कैमरे लगाए जाएंगे, जबकि मंडल और उप-मंडल काराओं में 75 से 100 कैमरे स्थापित होंगे। हर जेल में एक या दो कंट्रोल रूम बनेंगे, जहां बड़े स्क्रीन पर लाइव फुटेज देखी जाएगी। इनकी निगरानी के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती होगी। बेल्ट्रॉन इस पूरे प्रोजेक्ट का तकनीकी सहयोग और रखरखाव करेगा। परियोजना में कैमरों की खरीद, इंस्टॉलेशन, मैनपावर, रखरखाव और परामर्श शुल्क सभी शामिल हैं।
गृह विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने साफ कहा है कि अब जेलों में कैदियों का ऐशोआराम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहले बेउर जेल में सिर्फ 50 कैमरे थे, लेकिन नई व्यवस्था के बाद संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। जेलों के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल, नशीले पदार्थों की तस्करी, गुटबाजी और अन्य अवैध गतिविधियां आम बात हो गई थीं। नया सिस्टम इन सब पर पूरी तरह लगाम लगाएगा। हर वार्ड, बैरक, गलियारा और मुलाकात कक्ष में कैमरे लगने से कोई भी कोना अंधेरे में नहीं रहेगा।
यह कदम सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि जेल प्रशासन में पारदर्शिता और अनुशासन लाने का भी है। अधिकारियों का मानना है कि लगातार निगरानी से जेलकर्मियों पर भी जवाबदेही बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। आने वाले समय में बिहार की जेलें देश के सबसे सुरक्षित और अनुशासित कारागारों में शुमार हो सकेंगी। सरकार का यह निर्णय राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।