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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 19 May 2025 07:31:16 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में उच्च शिक्षा के लिए कर्ज लेने में पटना के छात्र-छात्राएं सबसे आगे हैं। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 95,220 विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पटना में सबसे ज्यादा 7,840 छात्र-छात्राओं को कर्ज मिलेगा, जबकि शिवहर में सबसे कम 415 विद्यार्थियों को यह सुविधा मिलेगी।
बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के अनुसार, अब तक 4,43,281 छात्र-छात्राओं ने कर्ज के लिए आवेदन किया, जिनमें से 3,73,093 को 11,144.38 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर हुआ। शिक्षा विभाग ने 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण 11,07,330 विद्यार्थियों के आधार पर यह लक्ष्य तय किया है। जिन जिलों में इंटरमीडिएट पास करने वाले ज्यादा हैं, वहां कर्ज का लक्ष्य भी बड़ा रखा गया है।
बताते चलें कि पिछले साल 85,085 विद्यार्थियों को कर्ज देने का लक्ष्य था, लेकिन 90,335 आवेदनों में से केवल 75,000 को ही कर्ज मिल सका, जो लक्ष्य से 12% कम था। यह योजना बिहार के छात्र-छात्राओं को मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी संस्थानों में कॉलेज फीस, लैपटॉप और हॉस्टल खर्च के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये तक का कर्ज देती है।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2 अक्टूबर 2016 को शुरू हुई थी। यह स्नातक, स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग और रोजगारपरक कोर्स के लिए कर्ज देती है। छात्रों को 4% ब्याज और छात्राओं, ट्रांसजेंडर व दिव्यांग विद्यार्थियों को 1% ब्याज पर कर्ज मिलता है। पहले बैंक इस योजना के तहत कर्ज देते थे, लेकिन उनकी परेशानियों के बाद बिहार सरकार ने शिक्षा वित्त निगम बनाकर कर्ज की प्रक्रिया को आसान किया।
यह योजना उन छात्रों के लिए बड़ी राहत है, जो पैसे की कमी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। बिहार सरकार का यह कदम युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहा है। पटना जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे जिलों तक, यह योजना शिक्षा को हर किसी की पहुंच में लाने का एक शानदार प्रयास है।