1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Dec 2025 10:02:20 AM IST
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बिहार की राजनीति एक बार फिर हलचल और सरगर्मी के दौर से गुजर रही है। सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी टकराव अपने चरम पर है। इसी बीच एनडीए के नेता ने ऐसा बयान दिया है, जिसने पटना के राजनीतिक गलियारों में नई खलबली मचा दी है। एनडीए के नेता ने दावा किया कि महागठबंधन के कई विधायक NDA के संपर्क में हैं और समय आने पर यह राजनीतिक समीकरण किसी भी पल बदल सकता है। उनके इस बयान ने न सिर्फ विपक्ष को सतर्क किया है, बल्कि विधानसभा में सत्ता पक्ष की मजबूती को भी दिखाने का संकेत दिया है।
हालांकि, इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि इन अटकलों में उलझने की जरूरत नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि विकास और जनता की भलाई के लिए यदि कोई हमारे साथ जुड़ना चाहता है तो उसका हमेशा स्वागत है। मंत्री ने बिना किसी दल का नाम लिए कहा कि विपक्षी खेमे के कई विधायक मानते हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में वे जनता की सेवा और प्रभावी ढंग से कर सकते हैं। मंत्री का यह बयान राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा NDA की सियासी बढ़त को और मजबूत करने के एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।
बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में NDA ने 243 सीटों में से 202 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत की थी, जबकि महागठबंधन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। ऐसे में चिराग पासवान का बयान और मंत्री की प्रतिक्रिया दोनों ही सियासी पटल पर नए समीकरणों और गठबंधनों के संकेत दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मनोवैज्ञानिक दबाव विपक्षी खेमे को सतर्क रखने और संभावित विधायकों को आकर्षित करने की रणनीति भी हो सकती है।
राजनीतिक दलों के बीच यह बयानबाज़ी केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे आने वाले महीनों में गठबंधन और सियासी चालों के नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच सत्ता के लिए होने वाले टकराव में इस तरह के बयान भविष्य की रणनीति और गठबंधन पर असर डाल सकते हैं। बिहार की राजनीति में यह बयानबाज़ी यह भी दर्शाती है कि सत्ता पक्ष लगातार अपनी ताकत और प्रभाव बनाए रखने के लिए नए रास्ते तलाश रहा है।
कुल मिलाकर, बिहार की सियासी गलियारों में यह नया बयानबाज़ी का तूफ़ान आने वाले दिनों में सियासी समीकरण, गठबंधनों और भविष्य की चालों को और रोचक और चुनौतीपूर्ण बना देगा। जनता और राजनीतिक पर्यवेक्षक दोनों ही इस हलचल को बड़े ध्यान से देख रहे हैं, क्योंकि आने वाले समय में यह फैसला कर सकता है कि कौन किसके साथ आएगा और सत्ता का असली खेल किस दिशा में जाएगा।
प्रेम राज की रिपोर्ट