Bihar Education Department : बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य होगा राष्ट्रगान, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया मॉडल टाइम-टेबल

बिहार शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी सरकारी स्कूलों में नया मॉडल टाइम-टेबल लागू किया है। अब सभी स्कूल 9:30 बजे से 4:00 बजे तक चलेंगे और प्रार्थना व राष्ट्रगान अनिवार्य होंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Dec 2025 08:09:07 AM IST

Bihar Education Department : बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य होगा राष्ट्रगान, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया मॉडल टाइम-टेबल

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Bihar Education Department : बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से एक अहम और बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके तहत पूरे राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में—चाहे वे प्राथमिक हों, मध्य, उच्च या उच्चतर माध्यमिक—एक समान मॉडल टाइम-टेबल लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, विद्यालयों में अनुशासन सुनिश्चित करने और पढ़ाई के घंटों को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। नई व्यवस्था संस्कृत स्कूलों और मदरसों में भी समान रूप से लागू होगी। विभाग ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सज्जन आर. के हस्ताक्षर से आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।


सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा स्कूल, दोपहर 4:00 बजे तक कक्षाएं

जारी टाइम-टेबल के अनुसार अब राज्य के सभी सरकारी स्कूल सुबह 9:30 बजे से संचालित होंगे और दोपहर 4:00 बजे तक चलेंगे। पहले कई जिलों में स्कूलों का समय अलग-अलग था, जिससे भ्रम की स्थिति रहती थी और शिक्षा के मानकीकरण में भी बाधा आती थी। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद पूरे राज्य में स्कूलों का समय एक समान होगा।


9:30 से 10:00 बजे तक प्रार्थना, बिहार गीत का गायन अनिवार्य

हर दिन की शुरुआत 30 मिनट की प्रार्थना से होगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रार्थना के दौरान ‘बिहार गीत’ का गायन अनिवार्य होगा। प्रार्थना सभा में स्कूल के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे। यह कदम बच्चों में सांस्कृतिक जुड़ाव, अनुशासन और एकता की भावना विकसित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।


10 बजे से 4 बजे तक लगातार 8 घंटी की पढ़ाई

प्रार्थना के बाद कक्षाओं का संचालन 10 बजे से शुरू होगा, जो अंतिम घंटी तक जारी रहेगा। विभाग ने हर पीरियड का समय साफ-साफ तय किया है ताकि शिक्षकों और छात्रों को एक सुनियोजित ढांचा मिल सके।

नया टाइम-टेबल इस प्रकार है—

  • पहली घंटी : 10:00 बजे से 10:40 बजे तक

  • दूसरी घंटी : 10:40 बजे से 11:20 बजे तक

  • तीसरी घंटी : 11:20 बजे से 12:00 बजे तक

12:00 से 12:40 बजे तक टिफिन ब्रेक

दोपहर 12 बजे से 12:40 बजे तक 40 मिनट का लंच ब्रेक होगा। इस दौरान छात्रों को मध्यान्ह भोजन (MDM) भी उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग का मानना है कि सुसंगत समय पर टिफिन होने से बच्चों की ऊर्जा में संतुलन रहेगा और उनकी एकाग्रता पढ़ाई पर केंद्रित रहेगी।


टिफिन के बाद 12:40 बजे से फिर शुरू होंगी कक्षाएं

लंच ब्रेक के बाद फिर से पढ़ाई शुरू होगी—

  • चौथी घंटी : 12:40 बजे से 1:20 बजे तक

  • पांचवीं घंटी : 1:20 बजे से 2:00 बजे तक

  • छठी घंटी : 2:00 बजे से 2:40 बजे तक

  • सातवीं घंटी : 2:40 बजे से 3:00 बजे तक

  • आठवीं घंटी : 3:00 बजे से 4:00 बजे तक

अंतिम घंटी 4 बजे बजेगी, जिसके तुरंत पहले सभी छात्रों और शिक्षकों को राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा। राष्ट्रगान के बाद ही विद्यालय की छुट्टी होगी।


सभी प्रकार के विद्यालयों पर लागू होगी नई व्यवस्था

सरकार ने स्पष्ट किया है कि मॉडल टाइम-टेबल सिर्फ सामान्य सरकारी स्कूलों में ही नहीं बल्कि—

  • सभी संस्कृत विद्यालयों,

  • सभी मदरसों,

  • और सभी अनुदानित विद्यालयों पर भी लागू होगा।

इससे राज्यभर में शिक्षा व्यवस्था एकरूप होगी और अकादमिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद है।


क्यों ज़रूरी था मॉडल टाइम-टेबल?

शिक्षा विभाग ने इस नीति के पीछे कई कारण गिनाए हैं— अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय होने से शिक्षकों और प्रशासन को कठिनाई होती थी। पढ़ाई के घंटों का कोई स्थिर मानक नहीं था। कई विद्यालयों में प्रार्थना का आयोजन नियमित रूप से नहीं हो रहा था। अनुशासन, उपस्थिति और शिक्षण गुणवत्ता में कमी देखी जा रही थी। एक समान टाइम-टेबल से शिक्षा की नियमितता बढ़ेगी और राज्यभर में एक समान स्तर की पढ़ाई सुनिश्चित होगी।


शिक्षकों और छात्रों पर प्रभाव

नई व्यवस्था से सबसे बड़ा प्रभाव छात्रों और शिक्षकों की दिनचर्या पर पड़ेगा। छात्रों को अब प्रतिदिन निश्चित 8 पीरियड में पढ़ाई मिलेगी, जबकि शिक्षकों को भी अपनी विषयवार जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से पूरा करने का अवसर मिलेगा। विभाग का दावा है कि इससे सीखने के परिणाम (Learning Outcomes) में सुधार होगा।

स्कूलों को निर्देश

शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने स्तर पर इस टाइम-टेबल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी स्कूल द्वारा निर्देश का पालन न करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।


बिहार सरकार के इस नए फैसले को राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। मॉडल टाइम-टेबल से न केवल पढ़ाई अधिक व्यवस्थित होगी, बल्कि बच्चों में अनुशासन, समयबद्धता और राष्ट्रीय भावना भी विकसित होगी। सरकार का मानना है कि इस कदम से आने वाले समय में शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।