1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 05 May 2025 02:59:57 PM IST
शिक्षा विभाग हुआ सख्त - फ़ोटो google
Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षकों के वेतन भुगतान और सेवांत लाभ में होने वाली देरी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सख्त रूख अपनाया है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की जवाबदेही तय कर दी है। अब अगर शिक्षकों के वेतन भुगतान और सेवांत लाभ में देरी होती है तो इसके जवाबदेह डीईओ और डीपीओ होंगे।
दरअसल, बिहार में शिक्षकों को वेतन और सेवांत लाभ में देरी के लिए अब DEO-DPO जिम्मेदार होंगे। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब शिक्षकों के वेतन, बकाया राशि और रिटायरमेंट बेनिफिट्स के भुगतान में देरी होने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
विभाग ने शिक्षकों से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह निर्देश जारी किया है कि किसी भी प्रकार की वित्तीय देरी पर संबंधित अधिकारियों को जवाब देना होगा। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवांत लाभ का भुगतान अब DEO और DPO की जवाबदेही के अंतर्गत आएगा। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर एक निगरानी सेल का गठन किया गया है, जो हर जिले में कार्यरत और सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के वेतन और अन्य लाभों की निगरानी करेगा।
इस सेल के लिए विशेष सचिव एवं जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभागीय योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति और निगरानी कोषांगों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए उप निदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
वहीं, संविदा और आउटसोर्स कर्मियों के अवकाश की स्वीकृति, वेतन और मानदेय भुगतान की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों पर तय की गई है। साथ ही, विशेष कार्य पदाधिकारी विनीता को SC, DC और उपयोगिता प्रमाण पत्रों के समंजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग के स्पष्ट निर्देश के बाद अब अगर इन कामों में देरी होती है तो इसके लिए जिम्मेवार पदाधिकारी नपेंगे।