शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 15 Apr 2025 08:18:56 AM IST
- फ़ोटो GOOGLE
Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षकों के हक में बड़ा फैसला हुआ है. पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के प्राथमिक शिक्षकों के हित में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इस निर्णय से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि सत्र 2013-15 के प्रशिक्षित शिक्षकों को मई 2017 से ही प्रशिक्षित वेतनमान मिलना चाहिए, भले ही प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी हुई हो. न्यायमूर्ति पी. बी. बजनथ्री और न्यायमूर्ति आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया है कि शिक्षक अपने ट्रेनिंग की समय पर पूर्ति के बावजूद वेतन लाभ से वंचित नहीं रह सकते. कोर्ट में दायर याचिका में बताया गया कि शिक्षकों ने तय समयसीमा में ट्रेनिंग तो पूरा कर लिया था, लेकिन परीक्षा परिणाम जारी होने में प्रशासनिक देरी हुई. इसी कारण उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान नहीं दिया गया.
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसे अन्यायपूर्ण ठहराते हुए कहा कि किसी भी सरकारी प्रक्रिया में देरी का खामियाजा मेहनतकश कर्मचारियों को नहीं भुगतना चाहिए. पीड़ित शिक्षकों की ओर से पैरवी कर रहीं अधिवक्ता डॉ. शुचि भारती ने कोर्ट के निर्णय पर कहा, “यह सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं थी, यह मेहनतकश शिक्षकों के अधिकार की लड़ाई थी. अब जाकर उन्हें उनका वास्तविक हक़ मिला है.इस फैसले का लाभ सिर्फ उन शिक्षकों को नहीं मिलेगा जिन्होंने याचिका दायर की थी, बल्कि राज्यभर में समान परिस्थितियों में कार्यरत तमाम प्रशिक्षित शिक्षकों पर भी यह आदेश समान रूप से लागू होगा. इससे न केवल वेतन में सुधार होगा, बल्कि सेवा लाभों की समानता भी सुनिश्चित होगी.