1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 12:25:23 PM IST
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Bihar Legislative Assembly : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन महत्वपूर्ण कार्यवाही पूरी हुई। इस सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे पहले, नेता सदन और नेता विपक्ष का चयन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा में नेता सदन के रूप में चुना गया है, जबकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता के रूप में तेजस्वी यादव को नेता विपक्ष बनाया गया। इस फैसले के बाद विधानसभा में दोनों दलों के बीच संतुलन और संवाद की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
नेता सदन और नेता विपक्ष के चयन के साथ ही विधानसभा में कार्य मंत्रणा समिति का गठन भी किया गया। इस समिति का उद्देश्य सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना, चर्चा के लिए विषय तय करना और विभिन्न विधायी मुद्दों पर समय प्रबंधन करना है। कार्य मंत्रणा समिति में सदन के महत्वपूर्ण नेता और सदस्य शामिल होते हैं, जो बैठक की कार्यसूची और समय-सारणी तय करते हैं। समिति के गठन से विधानसभा की कार्यकुशलता में वृद्धि होने की संभावना है और विधायकों को अपने मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने का अवसर मिलेगा।
आज से विधायकों का वेतन और भत्ते भी शुरू कर दिए जाएंगे। इससे विधायक अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने में समर्थ होंगे। वेतन और भत्ते का लाभ मिलने से विधायक अपने संसदीय कर्तव्यों और जनप्रतिनिधित्व के कामों पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। यह कदम राज्य सरकार की ओर से विधायक कल्याण और उनके कामकाज की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र का यह तीसरा दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सत्र के दौरान कई नीतिगत और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। नेता सदन और नेता विपक्ष के रूप में दोनों नेताओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों पर सदन में विस्तार से चर्चा करेंगे, जबकि तेजस्वी यादव विपक्ष के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएंगे।
विधानसभा में नेता सदन और नेता विपक्ष के चयन के साथ ही कार्य मंत्रणा समिति का गठन और विधायकों के वेतन भत्ते की प्रक्रिया ने सत्र को एक व्यवस्थित और महत्वपूर्ण दिशा दी है। इससे स्पष्ट होता है कि बिहार विधानसभा में कार्यकुशलता, पारदर्शिता और समन्वय को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र तीसरे दिन नेता सदन, नेता विपक्ष और कार्य मंत्रणा समिति के गठन से सुचारू और व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है। साथ ही विधायकों का वेतन और भत्ते की शुरुआत इस बात का संकेत है कि सरकार अपने विधायकों को उनके कर्तव्यों के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह सत्र न केवल प्रशासनिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक संतुलन और पारदर्शिता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।