1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Dec 2025 07:53:55 AM IST
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BPSC Teacher Vacancy : बिहार में चौथे चरण की शिक्षक बहाली (टीआरई-4) की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। बीपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली इस परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को रिक्तियों की सटीक और अद्यतन सूची भेजने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग को अब तक पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत 14 जिलों से शिक्षकों के खाली पड़े पदों की जानकारी प्राप्त हो चुकी है, जबकि शेष 24 जिलों से वैकेंसी रिपोर्ट अभी लंबित है। इसको लेकर मुख्यालय ने सभी डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) को एक सप्ताह की सख्त समयसीमा निर्धारित की है।
गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. बी. राजेंद्र ने विभागीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी 38 जिलों के डीईओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक के दौरान टीआरई-4 की रिक्तियों से लेकर शिक्षकों के वेतन भुगतान, छात्रवृत्ति मामलों और कोर्ट मामलों तक हर विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।
एसीएस ने कहा कि शिक्षक बहाली बिहार सरकार की प्राथमिकता वाली योजना है और इसे लेकर जिलों की ओर से किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रिक्तियां भेजने में देरी पर संबंधित जिलों से जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक में एसीएस ने शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य के कई जिलों में शिक्षकों को अक्टूबर महीने का वेतन नहीं मिल पाया है। इस पर उन्होंने सभी डीईओ से तत्काल रिपोर्ट तलब की और निर्देश दिया कि अगली बैठक में उन शिक्षकों की जिलावार सूची प्रस्तुत करें जिन्हें अब तक वेतन नहीं दिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है, लेकिन अभी तक 28 जिलों ने ही उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) महालेखाकार कार्यालय में जमा किया है। वहीं नवादा, कैमूर, रोहतास और गोपालगंज ने अब तक अपना प्रमाणपत्र नहीं भेजा है। इस देरी के कारण कई वित्तीय प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं।
बैठक में 7 जिलों—अरवल, बेगूसराय, गोपालगंज, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और सीवान—के विशिष्ट शिक्षकों को एरियर भुगतान किए जाने की सराहना की गई। एसीएस ने बाकी जिलों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस सप्ताह के भीतर सभी विशिष्ट शिक्षकों को एरियर भुगतान हर हाल में कर दिया जाए।
शिक्षा विभाग ने स्थानीय निकाय के तहत आने वाले शिक्षकों को भी समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एसीएस ने कहा कि किसी भी स्थिति में शिक्षकों के साथ आर्थिक अनिश्चितता पैदा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर विद्यालय व्यवस्था और शिक्षण कार्य पर पड़ता है।
अपर मुख्य सचिव ने सभी डीईओ को प्रपत्र-क गठित करने का भी आदेश दिया। यह प्रपत्र शिक्षकों की सेवा संबंधी सूचनाओं, नियुक्ति, वेतन और अन्य प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक है। विभाग का मानना है कि इस प्रपत्र के अपडेट रहने से वेतन भुगतान और सेवा पुस्तिका से जुड़े विवादों में कमी आएगी।
बैठक में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लंबित मामलों पर गंभीर चिंता जताई गई। विभाग के अनुसार बीते वर्षों के 527 मामले अभी तक लंबित हैं। इसके अलावा वर्ष 2024-25 के 4921 और वर्ष 2025-26 के 4126 मामले अभी भी निष्पादन की प्रतीक्षा में हैं। एसीएस ने स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि सभी लंबित मामलों में अविलंब राशि का भुगतान करा दिया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
एसीएस ने जिलों को कोर्ट से जुड़े मामलों के निबटारे के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लंबित कोर्ट मामलों के कारण कई शिक्षकों की पदस्थापना, वेतन और सेवा से जुड़े कार्य प्रभावित होते रहते हैं, इसलिए हर जिले को इन मामलों की नियमित समीक्षा करनी चाहिए।
शिक्षा विभाग के इस व्यापक समीक्षा अभियान से साफ है कि टीआरई-4 शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है। रिक्तियों के अंतिम निर्धारण के साथ ही बीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने की संभावना है। विभाग का लक्ष्य है कि इस बार शिक्षक बहाली प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और पूरी तरह से व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जाए, ताकि नई नियुक्तियों से स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई को मजबूती मिल सके।