Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sun, 01 Jun 2025 06:50:08 AM IST
- फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: आज ही के दिन 1 जून 2012 को रणवीर सेना (Ranveer Sena) के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया (Brahmeshwar Mukhia Murder Case) को आरा में गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी. भोजपुर जिले के पवना थाना क्षेत्र के खोपीरा गांव निवासी ब्रह्मेश्वर मुखिया का घर आरा शहर में कतिरा-स्टेशन रोड में है. एक जून 2012 को रोज की तरह सुबह में मुखिया अपने आवास की गली में ही टहल रहे थे, इसी दौरान सुबह के करीब चार-साढ़े चार बजे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. आरा में हुई हत्या की इस वारदात के चंद घंटों बाद ही बिहार के हर इलाके से हिंसा और विरोध की खबरें आनी लगी थीं और देखते ही देखते आरा सहित कई शहर जलने लगे थे.
1 जून को रणवीर सेना के सुप्रीमो रहे ब्रमेश्वर मुखिया की पुण्यतिथि है. आज के दिन इ समर्थक जगह-जगह पर अपने मुखिया जी की पुण्यतिथि मनाते हैं. जहानाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता और जेडीयू नेता अभिषेक राज शर्मा ने कहा है कि आज ही के दिन 1 जून 2012 को बिहार के इतिहास में किसानों की आवाज और नक्सल विरोधी संघर्ष के प्रतीक बरमेश्वर मुखिया को आरा कतिरा मोहल्ले में हत्या कर दी गई थी. लेकिन मुखिया जी का जीवन, उनका संघर्ष और उनकी सोच आज भी हर किसान के दिल में जिंदा है, जो हक और सम्मान के लिए लड़ता है .बरमेश्वर मुखिया कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे . वह किसानों के स्वाभिमान, गांव की रक्षा और नक्सली आतंक के विरुद्ध जन आंदोलन के प्रतीक थे. मुखिया जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का हम सब संकल्प लेते हैं.
मुख्य मुजरिम की आज तक नहीं मिली सजा
13 सालों बाद भी भले इस मर्डर केस में हत्यारों का सुराग नहीं मिल सका हो लेकिन मुखिया हत्याकांड के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमा गई थी. मुखिया की हत्या के बाद आरा समेत पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद एवं गया जिला समेत बिहार के अन्य जगहों पर उपद्रव हुआ था. आरा में तो उन्मादी भीड़ ने सरकारी तंत्र को खास तौर पर निशाने को लिया था. स्टेशन से लेकर सर्किट हाउस तक आग के हवाले कर दिए गए थे. हालात ऐसे थे कि आरा में भीड़ ने तत्कालीन डीजीपी अभयानंद पर भी हमला बोलने की कोशिश की थी और उनपर हाथ तक उठा दिया था. उस दिन आरा में लोगों के गुस्से का शिकार विधायक से लेकर पुलिस और मीडिया वाले तक बन रहे थे. मुखिया की हत्या के बाद देर शाम उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ और अगले दिन यानी 2 जून को उनकी शव यात्रा निकली थी.
पिता की हत्या के बाद उनके बेटे इंदुभूषण सिंह ने आरा के नवादा थाना में अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कराया था, जिसके बाद बिहार सरकार ने पहले एसआइटी का गठन किया और सच सामने नहीं आने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस में कई बड़े लोगों का नाम सामने आया. लेकिन अभी तक यही पता नहीं चला कि ब्रह्मेश्वर मुखिया पर गोली चलाने वाले हमलावर कौन थे.
ब्रह्मेश्वर मुखिया बिहार में सवर्णों के प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के सुप्रीमो थे. मुखिया पर 2012 तक 277 लोगों की हत्या और उनसे जुड़े 22 अलग-अलग मामलों में केस दर्ज थे. भोजपुर जिले के इस शख्स को 16 मामलों में उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था जबकि बाकी 6 मामलों में मुखिया को जमानत मिली थी. उनको 29 अगस्त 2002 को पटना के एक्जीबिशन रोड से पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया ने 9 साल तक जेल की सजा काटी औक उसके बाद आठ जुलाई 2011 को उनकी रिहाई हुई. जेल से छूटने के बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया आरा में ही ज्यादा रहते थे और कतिरा स्थित आवास के समीप ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आरा ले लेकर पटना तक तांडव
2 जून की दोपहर को आरा से ब्रह्मेश्वर मुखिया का शव दाह संस्कार के लिए पटना निकला लेकिन मुखिया के समर्थकों के उत्पात का साक्षी पूरा पटना बना. आरा में तांडव मचाने वाली भीड़ ने पटना में भी यही रूख कायम रखा. भोजपुर की सीमा पार करते ही पटना से सटे बिहटा में बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सीपी ठाकुर व अन्य नेताओं पर हमला हुआई तो उसके बाद उसके बाद पटना के सगुना मोड़ से लेकर बांसघाट तक का इलाका मुखिया समर्थकों के तांडव को झेलता रहा.