1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Dec 2025 09:01:21 AM IST
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Ganga bridge Buxar : बक्सर और भरौली के बीच गंगा नदी पर बन रहा नया पुल अब सिर्फ़ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास की नई कहानी बन चुका है। 368 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस 3.2 किलोमीटर लंबे, तीन लेन वाले पुल का उद्देश्य बक्सर-पटना चार लेन (NH-922) को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ना है। इसके पूरा होने से दिल्ली से पटना तक का सड़क सफ़र तेज़, सुगम और सुरक्षित हो जाएगा।
इस भव्य निर्माण परियोजना का मुख्य भाग 1.2 किलोमीटर लंबा मुख्य पुल है, इसके अलावा लगभग 2 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोटरी और मजबूत एप्रोच रोड भी शामिल हैं। पूरा ढांचा 40 खंभों पर खड़ा किया जाएगा, जिनमें 8 पिलर गंगा की मुख्य धारा में और बाकी 32 दोनों किनारों पर स्थित होंगे। परियोजना स्थल पर काम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। नींव डालने से लेकर समतलीकरण और स्ट्रक्चरल एक्टिविटीज़ तक, हर चरण में इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता दिख रही है।
हाल के महीनों में बक्सर शहर में ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा था। बाजार की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक, भीड़भाड़ का सामना आम लोग और व्यापारी लंबे समय से कर रहे थे। ऐसे में स्थानीय लोगों और व्यापारियों की यह मांग थी कि एक वैकल्पिक और मजबूत मार्ग बनाया जाए। यह नया पुल उन्हीं उम्मीदों का जवाब है। इसके बनने से शहर की सड़कों पर भारी और लंबी दूरी के वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे स्थानीय ट्रैफिक में सुधार आएगा और रोज़मर्रा की आवाजाही सुगम होगी।
सिर्फ़ यातायात में सुधार ही नहीं, यह पुल व्यापारिक गतिविधियों को भी नई ऊर्जा देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय उत्पाद बड़े बाज़ारों तक आसानी से पहुँच सकेंगे। कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय व्यवसाय अब बड़े बाजारों तक पहुंच सकेंगे, जिससे व्यापारिक रफ़्तार बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे पर यह पुल मील का पत्थर साबित होगा और निवेश आकर्षित करने में मदद करेगा।
स्थानीय निवासियों का उत्साह भी देखने लायक है। लोग कहते हैं कि निर्माण की तेज़ रफ़्तार देखकर उनकी उम्मीदें जाग गई हैं। उनका मानना है कि यह पुल बक्सर से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक विकास की तस्वीर बदल देगा। आने वाले वर्षों में यह इलाका संपर्क, सुविधा और आर्थिक गतिविधियों का नया केंद्र बनकर उभरेगा।
गंगा पर यह तीसरा पुल न केवल सड़क यातायात, व्यापार और रोजगार को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों राज्यों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। यह परियोजना क्षेत्र के लोगों में नई आशाओं की लहर पैदा कर रही है।
इस तरह, बक्सर-भरौली गंगा पुल सिर्फ़ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि बिहार और उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि की नई कहानी का प्रतीक बन रहा है। बेहतर सड़क संपर्क, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से यह पुल आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र के लिए खुशहाली और प्रगति का नया द्वार खोलेगा।