वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 10:37:01 PM IST
लापरवाही पड़ेगी भारी - फ़ोटो google
PATNA: अगर आप दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, यूपी, झारखंड या किसी अन्य राज्य से कार या बाइक खरीदकर बिहार में चला रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बिहार परिवहन विभाग ने दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों के खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। यदि आपने गाड़ी लाने के एक सप्ताह के भीतर जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) को इसकी सूचना नहीं दी और एक साल के भीतर उसका स्थानीय रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, तो आपकी गाड़ी कभी भी जब्त की जा सकती है।
हर साल 20–25 हजार गाड़ियां, रजिस्ट्रेशन सिर्फ 5%
परिवहन विभाग के अनुसार, हर साल लगभग 20 से 25 हजार गाड़ियां बाहर के राज्यों से बिहार लाई जाती हैं, लेकिन उनमें से महज 5% वाहन मालिक ही नियमानुसार रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। बाकी वाहन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा जैसे राज्यों के नंबर प्लेट पर ही बिना सूचना दिए बिहार में चलाए जा रहे हैं।
अब CCTV और डेटा एनालिसिस से होगी सख्ती
अब विभाग ने इन वाहनों की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी शुरू कर दी है। सड़कों पर लगे कैमरों के ज़रिए दूसरे राज्यों के नंबर वाली गाड़ियों का डिजिटल डेटा तैयार किया जा रहा है। इन गाड़ियों के नंबर देखकर यह पता लगाया जा रहा है कि वे किस राज्य से आई हैं और कब से बिहार में चल रही हैं।
क्यों जरूरी है बिहार में रजिस्ट्रेशन?
यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य राज्य से गाड़ी लाकर एक साल से ज्यादा समय तक बिहार में चला रहा है, तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उसे स्थानीय रजिस्ट्रेशन नंबर लेना अनिवार्य है। साथ ही गाड़ी लाने के 7 दिनों के भीतर इसकी सूचना जिला परिवहन कार्यालय को देनी होती है।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी अनिवार्य
बिहार में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाना भी अनिवार्य है। मगर अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियों में अधिकतर HSRP नहीं लगी होती। यह भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है और जुर्माने के साथ-साथ वाहन जब्ती का कारण बन सकता है।
लापरवाही पड़ेगी भारी
कई लोग पुरानी गाड़ियां सस्ते दाम पर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से खरीदकर बिहार लाते हैं, लेकिन वे तय समय में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते। विभाग ने चेताया है कि अब ऐसी गाड़ियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वाहन जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
यदि आपने भी दूसरे राज्य से गाड़ी खरीदकर बिहार में चलाई है, तो नियमों की अनदेखी ना करें। सात दिन में सूचना दें और एक साल के भीतर स्थानीय रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं, नहीं तो आपकी गाड़ी जब्त की जा सकती है। परिवहन विभाग अब पहले से ज्यादा सक्रिय और डिजिटल निगरानी में है।