अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bird Flu: बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अंडा खाना कितना सेफ? जानिए... एक्सपर्ट की राय Bihar News: स्थगित हुई बिहार के इस विश्वविद्यालय की परीक्षा, नई तिथि को लेकर आया अहम अपडेट Bihar News: पैसे लेकर शराब तस्कर को छोड़ना दारोगा को पड़ा भारी, अब इतने वर्षों तक भुगतना होगा परिणाम Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Transport: बेतिया डीटीओ का ट्रांसफर...करप्शन में लिप्त 'महिला एमवीआई' अब भी कुर्सी पर ! 1.20 लाख की मासिक रिश्वतखोरी का ऑडियो लीक होने पर DM ने कराया था केस, परिवहन विभाग से निलंबन की थी सिफारिश Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Jun 2025 07:23:34 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही अभियान बसेरा-दो योजना के तहत गरीबों और भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन देने की प्रक्रिया में कई अधिकारियों द्वारा मनमानी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सैकड़ों योग्य परिवारों को अयोग्य करार देकर योजना से वंचित कर दिया गया।
इस योजना के तहत राज्य सरकार पात्र भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल तक की जमीन देने का प्रावधान करती है। अब तक 1.25 लाख से अधिक परिवारों का सर्वेक्षण किया गया, लेकिन उनमें से लगभग 52 प्रतिशत परिवारों को "नॉट फिट फॉर लैंड अलॉटमेंट" यानी ज़मीन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।
जब इतनी बड़ी संख्या में परिवारों को अयोग्य करार दिया गया, तो विभाग को संदेह हुआ कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा जान-बूझकर गरीबों के साथ भेदभाव किया गया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने हाल ही में अपर समाहर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर योजना की समीक्षा की। इसमें यह तथ्य सामने आया कि अब तक सिर्फ 48,000 परिवारों को ही जमीन मिल पाई है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कई क्षेत्रों में मुसहर, दलित और महादलित समुदायों के परिवारों को भी अयोग्य बता दिया गया। इन परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहद कमजोर है, फिर भी उन्हें लाभ से वंचित किया गया।
विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि गैर-राजस्व संवर्गीय पर्यवेक्षकों की टीम बनाकर "नॉट फिट" घोषित किए गए आवेदकों की दोबारा ऑनलाइन जांच की जाए। यह प्रक्रिया मोबाइल एप्लिकेशन "अभियान बसेरा" के जरिए की जा रही है, जिसमें "रि-वेरिफाई रिजेक्टेड अप्लीकेंट" नामक प्रपत्र में रिपोर्ट दर्ज करनी है।
अब तक जिन जिलों से रिपोर्ट मिली है, उनमें स्पष्ट हुआ है कि कई प्रखंडों में अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों से स्पष्टीकरण (शोकॉज नोटिस) मांगा जा रहा है। अब तक विभाग आधा दर्जन से अधिक कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुका है। अंतिम जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन, विभागीय कार्यवाही और यहां तक कि एफआईआर दर्ज करने जैसे सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
भूमिहीन किसान संघ के नेता रामकिशोर पासवान का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिन्हें सबसे ज्यादा ज़रूरत है, उन्हें ही सरकार की योजना से बाहर कर दिया गया है। दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसी अनियमितताएं दोबारा न हों। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "अभियान बसेरा-दो" गरीबों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हो रही मनमानी और पक्षपात इस उद्देश्य को बाधित कर रही है। विभाग की सख्ती और पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और योग्य लाभुकों को उनका हक जरूर मिलेगा।