1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Dec 2025 12:23:18 PM IST
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Patna Toll : पटना और आसपास के जिलों में यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए टोल टैक्स से जुड़ा बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है। पटना–बिहटा–आरा–बक्सर रूट पर सड़क परियोजनाओं में तेजी और नए एलिवेटेड फोरलेन के निर्माण ने टोल व्यवस्थाओं को भी बदल दिया है। खासतौर पर दानापुर–बिहटा एलिवेटेड फोरलेन बनने के बाद यहां एक नया टोल प्लाजा स्थापित किया जाना तय है। इसके बाद स्थिति यह बनेगी कि सिर्फ 15 किलोमीटर के भीतर दो बार टोल टैक्स देना पड़ेगा, क्योंकि कोईलवर पुल पार करते ही पहले से टोल वसूली होती है।
ट्रैफिक के तेजी से बढ़ते दबाव और सड़क निर्माण पर हुए बड़े खर्च को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था नियमों के अनुरूप ही है। हालांकि, यह नया निर्णय आम यात्रियों पर कितना असर डालेगा, इस पर चर्चा तेज हो गई है।
एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार एक सामान्य परियोजना में लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर एक टोल प्लाजा बनाया जाता है। उदाहरण के तौर पर कोईलवर से बक्सर तक सिर्फ दो टोल हैं क्योंकि यह एक बड़ी परियोजना की सीमा के भीतर आता है।
लेकिन दानापुर–बिहटा एलिवेटेड रोड एक अलग प्रोजेक्ट है, जिसकी लागत काफी अधिक है। इस वजह से इस सड़क के लिए अलग से टोल वसूला जाएगा। यानी दानापुर से एलिवेटेड रोड पर चढ़ने और आगे कोईलवर के टोल को पार करने वाले यात्रियों को कम दूरी में ही दो बार शुल्क देना होगा।
इस क्षेत्र में टोल वसूली की अनिवार्यता पर अधिकारियों का कहना है कि यदि बिहटा रोड पर टोल नहीं लगाया जाता और केवल कोईलवर के टोल को बढ़ा दिया जाता, तो आरा और बक्सर जाने वाले यात्रियों पर अनावश्यक अतिरिक्त बोझ पड़ता। इसलिए दोनों टोलों का अलग-अलग होना यात्रियों के हित में बताया जा रहा है।
बिहटा में तेजी से विकसित हो रहे एयरपोर्ट, एजुकेशन हब, औद्योगिक क्षेत्र और आईटी पार्क के कारण आने वाले समय में इस रूट पर वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ने का अनुमान है। एलिवेटेड रोड इसी दबाव को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। बड़ी लागत वाली परियोजना होने के कारण यहां टोल अनिवार्य है।
पटना–बख्तियारपुर फोरलेन पर स्थित दीदारगंज टोल प्लाजा को लेकर भी बड़ा बदलाव संभावित है। वर्तमान में जेपी गंगा पथ का विस्तार दीदारगंज तक जोड़ दिया गया है, और यह रास्ता टोल प्लाजा के बाद जाकर मिलता है। इसका अर्थ यह है कि गंगा पथ से आने वाले वाहन बिना टोल दिए ही बख्तियारपुर की ओर पहुंच जा रहे हैं।
इसके कारण टोल वसूलने वाली एजेंसी ने एनएचएआई से आग्रह किया है कि टोल प्लाजा को कुछ किलोमीटर पूर्व दिशा में स्थानांतरित किया जाए, ताकि गंगा पथ का उपयोग करने वाले वाहन भी शुल्क के दायरे में आ सकें। प्रस्ताव पर विचार चल रहा है और अंतिम निर्णय के बाद टोल प्लाजा को नई जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा।
पटना अब तेजी से एक महानगर का रूप ले रहा है। शहर के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए बार–बार टोल देना कई यात्रियों को उचित नहीं लगता। कई बड़े महानगरों में मेट्रोपॉलिटन एरिया के भीतर टोल नहीं लिया जाता। विशेषज्ञों की राय है कि पटना मेट्रो क्षेत्र में भी ऐसा मॉडल लागू किया जाना चाहिए, ताकि शहर के भीतर की आवागमन सेवाएं टोल के बोझ से मुक्त हो सकें।
साथ ही नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर 60 किलोमीटर की दूरी पर एक टोल होना चाहिए। लगभग 120 किलोमीटर लंबाई की सड़क पर तीन टोल बनाए जाते हैं। लेकिन पटना से कोईलवर के बीच करीब 100 किलोमीटर के दायरे में ही दो टोल परिचालन में हैं, जिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। अधिकारियों का तर्क है कि विभिन्न प्रोजेक्टों, लागत और वाहनों की श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि यात्रियों को राहत देने के लिए भविष्य में कुछ सुधार संभव हैं।
बदलती सड़क परियोजनाओं, नए रूट्स और बढ़ते ट्रैफिक के साथ टोल टैक्स की व्यवस्था भी तेजी से बदल रही है। पटना–आरा–बक्सर रूट पर दो टोल की नई व्यवस्था और दीदारगंज टोल का संभावित स्थानांतरण यात्रियों की जेब और समय दोनों को प्रभावित करेगा। एनएचएआई के मुताबिक अगले कुछ महीनों में इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिए जा सकते हैं। इसके बाद इस रूट पर यात्रा का पूरा तरीका बदल जाएगा और टोल वसूली का नया ढांचा लागू हो सकता है।