1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Dec 2025 08:50:44 AM IST
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PMC Hospital news : पीएमसीएच में सुरक्षा गार्डों द्वारा मरीजों और तीमारदारों के साथ मारपीट की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। 28 नवंबर को भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला, जिसमें निजी सुरक्षा एजेंसी के दो गार्डों ने एक कार सवार को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। यह घटना पीएमसीएच से दीघा की ओर जाने वाले जेपी गंगा पथ पर हुई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। हालांकि, पीड़ित ने अभी तक थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है और फर्स्ट बिहार ने वीडियो की पुष्टि नहीं की है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक परिवार अपनी कार से उतरता है। कार में एक वृद्ध महिला भी मौजूद हैं। जैसे ही कार सवार उतरे, वहां तैनात दो सुरक्षा गार्ड ने चालक पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। गार्डों ने बेरहमी से शख्स की पिटाई की। वृद्ध महिला और आसपास के लोगों के हस्तक्षेप के बाद ही गार्डों ने पीड़ित को छोड़ा।
इस वीडियो को एक्स प्लेटफॉर्म पर 29 नवंबर की रात अपलोड किया गया था। वीडियो में गार्डों की हिंसक कार्रवाई देख लोग गुस्से में हैं और सोशल मीडिया पर इसे कड़ी निंदा मिल रही है। अब तक वीडियो को 33 हजार से अधिक लोगों ने देखा है, 348 लोगों ने इसे शेयर किया है और 648 लोगों ने लाइक किया है। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने पुलिस और पीएमसीएच प्रशासन से गार्डों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पीएमसीएच में तैनात निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्डों के बेलगाम व्यवहार की यह कोई पहली घटना नहीं है। अक्सर छोटी-मोटी बात पर ये गार्ड मरीजों और तीमारदारों के साथ मारपीट करते पाए जाते हैं। पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं, जहां मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल परिसर में गार्डों द्वारा धक्का-मुक्की और मारपीट का सामना करना पड़ा।
पीड़ित की शिकायत मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई करने की बात कही है। पीरबहोर थानेदार ने बताया कि इस संबंध में अभी तक कोई आवेदन पुलिस को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वीडियो देखा गया है और पुलिस पीड़ित का पता लगाने की कोशिश कर रही है। जब आवेदन प्राप्त होगा, तभी पुलिस मामले में केस दर्ज कर उचित कार्रवाई करेगी।
पीएमसीएच के सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपी गई है, लेकिन बार-बार इस तरह की घटनाओं से मरीज और तीमारदार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की तैनाती के साथ-साथ उनके प्रशिक्षण और व्यवहार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए दबाव बढ़ गया है। लोगों ने मांग की है कि गार्डों की पहचान कर उन्हें निलंबित किया जाए और ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़ा नियम लागू किया जाए।
सामाजिक और राजनीतिक हलकों में भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार को इस घटना पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अस्पतालों में मरीज और तीमारदारों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि पीएमसीएच जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थाओं में सुरक्षा व्यवस्था कितनी प्रभावी है। मरीज और उनके परिजन सुरक्षा की अपेक्षा रखते हैं, लेकिन लगातार मारपीट की घटनाएँ उनकी चिंता को बढ़ा रही हैं।