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BIHAR TEACHERS: बच्चों को पढ़ाने की बजाए गप्प लगाने वाले शिक्षकों का बॉर्डर एरिया में होगा ट्रांसफर, अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने दी चेतावनी

पटना की रहने वाली नीना गुप्ता ने शिकायत की थी कि उनके बेटे के स्कूल में शिक्षक पढ़ाने नहीं बल्कि गप्प लड़ाने आते हैं और बच्चे खाली बैठे रहते हैं। इस शिकायत को सुनकर एसीएस भी हैरान रह गये। उन्होंने लगे हाथों शिक्षकों को यह चेतावनी दे दी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 07 Jun 2025 08:32:07 PM IST

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'गप्प लगाने वाले टीचर सावधान' - फ़ोटो google

PATNA: बिहार के शिक्षकों से जुड़ी खबर पटना से आ रही है। शिक्षा विभाग के साप्ताहिक कार्यक्रम "शिक्षा की बात हर शनिवार" के 17वें एपिसोड में अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों और अभिभावकों के कई सवालों का खुले मन से जवाब दिया। इस दौरान स्कूल में गप्प लगाने वाले शिक्षक और शिक्षिकाओं को चेतावनी भी दी। कहा कि यदि बच्चों को पढ़ाने की बजाए गप्प लगाये तो बॉर्डर एरिया में ट्रांसफर करेंगे। 


ट्रांसफर में पूर्ण पारदर्शिता

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से एक शिक्षक ने कहा कि उन्हें 70 हजार रुपये देकर मनचाही पोस्टिंग का झांसा दिया गया था। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि अब ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित और कोडेड सॉफ्टवेयर पर आधारित है। न डीईओ, न शिक्षक और न ही कोई अन्य व्यक्ति इसमें दखल दे सकता है। ये साइबर ठगी है लिहाजा सतर्क रहें।


समर कैंप में बच्चों का खेल-खेल में गणित सीखना

किशनगंज के शिक्षक गोपाल प्रसाद राय ने समर कैंप में गणित सीखने की पहल की सराहना की। इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि यह बच्चों की लर्निंग कंटिन्यूटी बनाए रखता है। उन्होंने खुद भी कुछ समर कैंप में भाग लेने की इच्छा जताई। 


पटना के स्कूलों में लापरवाही पर कड़ा रुख

वहीं, पटना के मृदहा टोली की निवासी नीना गुप्ता ने एसीएस को व्हाट्स एप पर शिकायत भेजी थी कि उनके बेटे के स्कूल में शिक्षक पढ़ाने नहीं आते हैं, गप्प लड़ाते हैं और बच्चे खाली बैठे रहते हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जतायी और तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने दोषी शिक्षकों को बॉर्डर वाले इलाके में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। 


मेडिकल अवकाश में वेतन कटौती बर्दाश्त नहीं

गोपालगंज की शिक्षिका राधिका शर्मा की शिकायत पर अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया गया कि मेडिकल अवकाश के दौरान वेतन रोकना गलत है, जब तक वह ‘नो पे लीव’ न हो। सभी वैध अवकाशों में वेतन भुगतान सुनिश्चित होगा। जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए।


पूर्णिया के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महावला के विज्ञान शिक्षक ने बताया कि उनके स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण बीते पांच सालों से अधूरा पड़ा है, जिससे लगभग 700 छात्र प्रभावित हैं। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि यह अस्वीकार्य है। सोमवार को कार्यपालक अभियंता को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा। 


रिक्त पदों पर गलत रिपोर्टिंग की शिकायत

मधुबनी के एक नागरिक ने शिकायत की कि टोला सेवक और मरकज सेवक की कई सीटें रिक्त हैं लेकिन विभाग को शून्य रिक्ति की रिपोर्ट भेजी जा रही है, जिससे बहाली प्रक्रिया बाधित हो रही है। इसपर एसीएस ने कहा कि जहां उच्च न्यायालय में वाद लंबित नहीं हैं, वहां बहाली की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी। इस मामले की गंभीर समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी।


वेतन निर्धारण में विसंगतियों का निपटारा

विशिष्ट शिक्षक सोनू मिश्रा ने वेतन में जिलावार भिन्नता की समस्या उठायी। इस पर एसीएस ने कहा कि प्राथमिक कार्य वेतन भुगतान सुनिश्चित करना है। विसंगतियों की जांच कर जल्द सुधार किया जाएगा और फिर जो भी एरियर बनेगा, हमलोग उसका भुगतान करेंगे। 


वहीं, किशनगंज की शिक्षिका झूमी कुमारी ने ग्रामीण बच्चों के लिए पोशाक, जूता, टाई और स्पोर्ट्स ड्रेस की सुविधा के बारे में सवाल किया, जिसका एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जवाब देते हुए कहा कि बजट सीमाओं के कारण सभी बच्चों को तत्काल यह सुविधा देना संभव नहीं है लेकिन चयनित बच्चों को सीमित संख्या में स्पोर्ट्स ड्रेस देने की पहल की जा रही है। जबकि मोतिहारी के पिपरा कोठी पंचायत के विद्यालय में प्रधानाध्यापक की अभद्रता, कुप्रबंधन और एमडीएम राशि में गड़बड़ी की शिकायत पर विभाग ने जांच का आदेश दिया है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।