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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Mon, 13 Jan 2025 01:19:07 PM IST
भूमि सर्वे की प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. हालांकि, सरकार ने सर्वे के लिए तय समय सीमा को बढ़ा दिया है. इस वजह से सर्वेक्षण का कार्य सुस्त पड़ गया है. भूमि सर्वेक्षण कराने के लिए सरकार ने बड़ी राशि खर्च करने की सहमति दी है. सिर्फ राजस्व अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटल करने पर सरकार को बजट की बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से बताया गया है कि 12.50 करोड़ अभिलेखों की स्कैनिंग हो गई है. कुल 20 करोड़ राजस्व अभिलेख होने की संभावना है. इस कार्य के लिए पूर्व में 2500 लाख रू दिए गए थे. फिर से 3563 लाख की स्वीकृति दी गई है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने महालेखाकार को भेजे पत्र में कहा है कि राजस्व अभिलेखों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन कार्यक्रम के तहत 20 करोड़ पन्नों,अभिलेख के स्कैनिंग कार्य के लिए पूर्व में 25 करोड़ रू की योजना स्वीकृत किया गया था. उसके अतिरिक्त 35 करोड़ 63 लाख ₹1000 व्यय की स्वीकृति दी गई है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कहा है कि भूमि से संबंधित कागजात की प्रति उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है. राज्य में 125 वर्ष पूर्व में कैडेस्ट्रेल सर्वे हुआ था. 80 साल पहले रिविजनल सर्वे कराया गया था. राजस्व अभिलेखों का संरक्षण, प्रबंधन करना सरकार का दायित्व है. पुराने अभिलेखों को संरक्षित करने एवं कागजात की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराने को लेकर 2022 में ही राजस्व अभिलेखों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन कार्य प्रारंभ की गई थी. इसके लिए हरियाणा की एक कंपनी का चयन किया गया था.
राजस्व अभिलेखों की स्कैनिंग कर रही कंपनी ने लगभग 12.50 करोड़ पृष्ठ,अभिलेखों का स्कैनिंग कार्य पूर्ण कर लिया है.फिर भी बहुत कागजातों की स्कैनिंग लंबित है. 2018-19 में 25 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई थी. कुल 20 करोड़ अभिलेख होने के बारे में बताया गया है. इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने महालेखागार को 35 करोड़ 63 लाख ₹1000 की स्वीकृति देने की जानकारी दी है.