1st Bihar Published by: Badal Updated Mon, 06 Jan 2025 02:57:40 PM IST
गुरु गोविन्द सिंह की जयंती - फ़ोटो reporter
PATNA CITY: सिखों के दसवें श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज के 358वें प्रकाश पर्व आज पूरे विश्व में हर्ष और उल्लास से मनाया जा रहा है। प्रकाशोत्सव में शामिल होने के लिए पंजाब के बटाला से 1505 किलोमीटर की साइकिल यात्रा तय करके सिख श्रद्धालु मनिंदर सिंह पटना साहिब पहुंचे। 22 दिसंबर को मनिंदर ने पंजाब से अपनी यात्रा शुरू की थी। गुरु गोविंद सिंह की जयंती में शामिल होने के लिए वो 6 जनवरी को पटना साहिब पहुंचे हैं। उनकी इस यात्रा का उद्धेश्य देश में शांति का संदेश फैलाना है।
गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 358 वें प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए इतनी लंबी दूरी तय करके मनिंदर सिंह पटना साहिब पहुंचे हैं। पटना साहिब के तख्त श्री हरिमंदिर पहुंचकर मनिंदर सिंह ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के दरबार में मत्था टेका और देश में अमन-चैन कायम रहे इसके लिए दुआएं मांगी। इस लंबी साइकिल यात्रा के अनुभव के बारे में बात करते हुए मनिंदर सिंह ने बताया कि वे गुरुद्वारा के दर्शन करके लोगों को शांति का संदेश देंगे और देशवासियों से आपसी प्रेम और भाईचारा बनाए रखने की अपील करेंगे।
सिख श्रद्धालु मनिंदर सिंह ने अपनी यात्रा पंजाब से बटाला से शुरू की। साइकिल चलाकर उन्होंने 1505 किलोमीटर तक की यात्रा तय करते हुए पटना साहिब पहुंचे हैं। ऐसा करने का उनका मकसद यह है कि देश में सुख-शांति समृद्धि बनी रहे इसे लेकर गुरु गोविंद सिंह महाराज के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। तख्त श्री हरिमंदिर में मनिंदर सिंह का स्वागत किया गया। उनके इस जब्बे को देखकर हर कोई हैरान था।
गुरु साहिब ने पूरी दुनिया को हक की आवाज उठाने के लिए और दुनिया को जुल्म के खिलाफ खड़े होकर लड़ना सिखाया. उनके पूरे जीवन से सच के राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है. इसलिए उन्हें सर्वंस दानी कहा जाता है। श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज का जीवन संघर्ष, त्याग एवं बलिदान की अनुपम गाथा है। सत्यनिष्ठा, स्वाभिमान, राष्ट्र-प्रेम तथा सामाजिक समरसता से परिपूर्ण उनका जीवन संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायी है।
358 वें प्रकाश पर्व को लेकर पटना साहिब गुरुद्धारा में महालंगर प्रसाद का शुआरम्भ हो गया है जहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु गुरु प्रसाद के रूप में लंगर चख रहे है। लंगर में 24 घंटे महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं को निस्वार्थ भाव से लंगर चखाया जा रहा है। सेवादार निस्वार्थ होकर अपनी सेवा दे रहे है। कोई खाना बनाने में लगा है तो श्रद्धालुओं को खिलाने में लगे हैं। महिलाएं रोटियां बनाने में जुटी है तो कोई सब्जी काटने में लगा है। सेवादारों की श्रद्धाभक्ति देखते ही बन रही है।





















