JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? बिहार के इस रूट पर पहली बार चली ट्रेन, आज़ादी के बाद रचा गया इतिहास BIHAR: बारात जा रहे बाइक सवार को हाइवा ने रौंदा, दो युवकों की दर्दनाक मौत, घर में मातम का माहौल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Feb 2025 01:40:47 PM IST
UPI - फ़ोटो Social Media
15 फरवरी 2025 से चार्जबैक (Chargeback) से जुड़े मामलों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब Transaction Credit Confirmation (TCC) और Return (RET) के आधार पर चार्जबैक को ऑटोमैटिक स्वीकार या अस्वीकार किया जाएगा। आपको बता दें कि चार्जबैक वह प्रक्रिया है जिसमें किसी विवाद, धोखाधड़ी या तकनीकी गलती के कारण UPI लेनदेन को उलट दिया जाता है, और पैसे ग्राहक को वापस मिल जाते हैं।
चार्जबैक की समस्या क्यों उठती है?
अब तक, जब ग्राहक के बैंक (Remitting Bank) द्वारा चार्जबैक दर्ज किया जाता था, तब प्राप्तकर्ता बैंक (Beneficiary Bank) को उसका समाधान करने का समय नहीं मिल पाता था। कई बार बैंक रिटर्न रिक्वेस्ट (RET) भेजते थे, लेकिन चार्जबैक पहले ही शुरू हो जाने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया जाता था। इससे विवाद अधूरा रह जाता था और ग्राहकों को असुविधा होती थी।
अब कैसे होगा समाधान?
NPCI ने विवाद समाधान प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब जब चार्जबैक उठाया जाएगा, तो प्राप्तकर्ता बैंक के रिटर्न अनुरोध (RET) और ट्रांजैक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (TCC) को ध्यान में रखते हुए इसे ऑटो-अप्रूव या रिजेक्ट किया जाएगा।
इस बदलाव का असर किन पर होगा?
नई प्रणाली के फायदे
इस नई व्यवस्था से अनावश्यक पेनाल्टी और विवादों को रोका जा सकेगा। साथ ही लेनदेन सुलह प्रक्रिया (Reconciliation Process) पहले से अधिक तेजी और सुगमता से होगी। इससे ग्राहक को बेहतर सुरक्षा और समय पर समाधान मिलेगा