Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Feb 2025 02:50:15 PM IST
Share Market Crash - फ़ोटो Social Media
इक्विटी मार्केट से अब तक 45 लाख करोड़ रुपये का सफाया हो चुका है, जबकि 27 सितंबर 2024 के ऑल-टाइम हाई के बाद से बाजार में 78 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो चुकी है। सिर्फ पिछले हफ्ते में 24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ब्लूमबर्ग के डेटा के अनुसार, भारतीय बाजार का कुल मार्केट कैप 14 महीनों में पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर से नीचे चला गया है।
सेंसेक्स-निफ्टी पर भी कहर!
14 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 199.76 अंक गिरकर 75,939.21 पर बंद हुआ। निफ्टी 102.15 अंक लुढ़ककर 22,929.25 पर आ गया। 27 सितंबर 2024 को बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 479 लाख करोड़ रुपये था, जो 1 जनवरी 2025 तक घटकर 446 लाख करोड़ और अब 14 फरवरी तक सिर्फ 401 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
मिडकैप और स्मॉलकैप में तबाही
अगर आप मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेश किए बैठे हैं, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। 1,000 करोड़ या उससे अधिक मार्केट कैप वाले 60% शेयर अपने उच्च स्तर से 30% या ज्यादा गिर चुके हैं। 450 से ज्यादा स्मॉलकैप शेयरों में 10% से 41% तक की गिरावट दर्ज की गई है। कुछ बड़े शेयर अपने ऑल-टाइम हाई से 71% तक गिर चुके हैं।
डराने लगे हैं ‘मार्केट ब्रेड्थ’ के संकेत
विश्लेषकों के अनुसार, अगर आप इस गिरावट से डर गए हैं, तो आने वाला समय और भी खराब हो सकता है। मार्केट ब्रेड्थ – यानी बाजार की व्यापकता (कितने शेयर ऊपर जा रहे हैं और कितने नीचे) – अब ‘यूफोरिक जोन’ से नीचे आ गया है। यह वही स्थिति है जो 2006-2009, 2011-2013 और 2018-2020 की बड़ी गिरावटों के दौरान देखी गई थी। NSE500 इंडेक्स में बराबर वेटेड और मार्केट वेटेड परफॉर्मेंस का अंतर ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुका है। पिछली बार जब ऐसा हुआ था, तो स्मॉलकैप शेयरों में 50% तक की गिरावट देखी गई थी।
छोटे शेयरों में लिक्विडिटी खत्म, IPOs ने बिगाड़ा खेल!
छोटे शेयरों में लिक्विडिटी (नकदी) की भारी कमी देखी जा रही है। 2020 में टॉप-100 शेयरों में 80% से अधिक कैश मार्केट वॉल्यूम था, लेकिन अब यह घटकर 15% रह गया है। IPO, FPO और QPI के जरिए बाजार में शेयरों की सप्लाई, म्यूचुअल फंड्स के निवेश से कहीं ज्यादा हो गई है। इसका असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की मांग-आपूर्ति पर पड़ा है, जिससे वे लगातार गिर रहे हैं।